नई रक्षा खरीद नीति के बाद भारत से फिर सौदे कर पाएगी प्रतिबंधित फिनमैकानिका : सूत्र

नई रक्षा खरीद नीति के बाद भारत से फिर सौदे कर पाएगी प्रतिबंधित फिनमैकानिका : सूत्र

नई दिल्ली:

एक ओर सीबीआई ब्राज़ील से 20 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर में एम्ब्रायर जेट विमानों की खरीद में किकबैक (दलाली) दिए जाने की जांच कर रही है, वहीं रक्षा मंत्रालय भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाली कंपनियों को 'ब्लैकलिस्ट' किए जाने की नई नीति घोषित करने जा रहा है. इस नई नीति की घोषणा होते ही संभव है कि अतीत में प्रतिबंधित की गई इटालियन रक्षा निर्माता कंपनी फिनमैकानिका (जिसका नाम अब लियोनार्डो-फिनमैकानिका है) फिर भारत के साथ व्यापार कर सके.

नई नीति से जुड़े दस्तावेज़ NDTV को मिले हैं, और पाया गया कि इसका मुख्य पहलू यह है कि पिछली यूपीए सरकार द्वारा अमल में लाई जा रही नीति के तहत पूरे डिफेंस कॉन्ग्लोमेरेट पर पाबंदी लगाने के स्थान पर नई नीति में पाबंदी रक्षा उत्पाद और कंपनी के आधार पर लगाई जाएगी. हालांकि कंपनी के वे प्रतिनिधि, जिन पर गलत काम करने और रिश्वत के लेनदेन का संदेह हो, उन पर भारत की ओर से आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने NDTV को बताया, "नई नीति आ जाने के बाद हम अगस्तावेस्टलैंड से न हेलीकॉप्टर खरीदेंगे, या किसी भी तरह के व्यापारिक ताल्लुकात रखेंगे... ऑगस्तावेस्टलैंड दरअसल फिनमैकानिका की ही सहायक कंपनी है, जिस पर भारत के साथ हुए एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टरों की खरीद के सौदे में रिश्वत देने का संदेह है... लेकिन भारत इस बात के लिए स्वतंत्र होगा कि वह अन्य प्लेटफॉर्मों के लिए कॉन्ग्लोमेरेट (ग्रुप) की अन्य कंपनियों से सौदा कर सके..."

इस नीति के पीछे के तर्क को समझाते हुए सूत्र ने बताया कि रक्षा निर्माता कंपनियां आमतौर पर एक दूसरे में हिस्सेदारी खरीदने की वजह से एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है. सो, एक कॉन्ग्लोमेरेट को प्रतिबंधित किए जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जब भारत कोई महत्वपूर्ण रक्षा प्लेटफॉर्म या पुर्ज़ा खरीद ही न पाए. सूत्र ने कहा, "इससे सिर्फ भारत के हितों और तैयारियों को ही नुकसान होता है..."

उदाहरण के लिए, भारतीय नौसेना अपने युद्धपोतों के लिए मुख्य तोपें और भारी तारपीडो उन्हीं कंपनियों से लेती रही थी, जो फिनमैकानिका की हैं. भारतीय नौसेना तब से यह सब हासिल नहीं कर पाई है, जब से कॉन्ग्लोमेरेट के तौर पर फिनमैकानिका को प्रतिबंधित किया गया.

अधिकारी ने कहा, "रक्षा कॉन्ग्लोमेरेट को प्रतिबंधित किया जाना ऐसी स्थिति पैदा कर देगा, जहां एक ही विक्रेता होगा और मोनोपली जैसी हालत बन जाएगी, जो हमारे हित में नहीं है..."

पुरानी नीति की तुलना में एक और बड़ा बदलाव यह है कि अब रक्षा निर्माता कंपनियां बिचौलियों को रख सकेंगी. लेकिन कंपनियों को न सिर्फ यह घोषित करना होगा कि उनका बिचौलिया कौन है, बल्कि उसे किया गया भुगतान मूल सौदे का हिस्सा नही माना जाएगा.

अधिकारी ने बताया, "इन शर्तों और नियमों का उल्लंघन करने पर बहुत भारी वित्तीय जुर्माना लगाया जाएगा और आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा..."

ब्लैकलिस्ट करने के लिए बनाई गई इस नई नीति की घोषणा सरकार द्वारा अगले सप्ताह किए जाने की संभावना है.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com