Coronavirus वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने उन फार्मा दिग्गजों के लिए सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बना रहे हैं.

Coronavirus वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी

पुणे में कोरोना वैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो चुका है. (सांकेतिक तस्वीर)

खास बातें

  • देश में तेजी से फैल रहा कोरोनावायरस
  • भारत में 55 लाख पार कोरोना के मामले
  • वैक्सीन को लेकर जारी हुई नई गाइडलाइन
नई दिल्ली:

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने उन फार्मा दिग्गजों के लिए सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बना रहे हैं. DCGI ने कहा है कि एक COVID-19 वैक्सीन निर्माता उम्मीदवार के पास तीसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण में कम से कम 50 प्रतिशत प्रभावकारिता होनी चाहिए ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके और पर्याप्त डेटा वैक्सीन से जुड़े संवर्धित श्वसन रोग (ERD) के संभावित जोखिम को सूचित कर सके, को उत्पन्न करने की जरूरत है.

COVID-19 वैक्सीन के लिए व्यापक मसौदा नियामक दिशा-निर्देश निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है कि वैक्सीन अच्छी तरह से और लगातार निर्मित होती रहे. दिशा-निर्देशों में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि गर्भावस्था में और प्रसव की क्षमता वाली महिलाओं में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल टीकाकरण कार्यक्रमों के मुताबिक हो.

केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया- कब तक उपलब्ध हो सकती है COVID-19 की प्रभावी वैक्सीन

ICMR के डॉक्टर बलराम भार्गव ने इस बारे में कहा, 'किसी भी वैक्सीन के लिए तीन चीजें महत्वपूर्ण होती हैं- सुरक्षा, प्रतिरक्षाजनकता और प्रभावकारिता. यहां तक ​​कि WHO का कहना है कि अगर हम किसी भी वैक्सीन में 50 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता प्राप्त कर सकते हैं, तो वो एक स्वीकृत वैक्सीन है. सांस संबंधी वायरस में हमें कभी भी 100 प्रतिशत प्रभावकारिता नहीं मिलती है. हम 100 फीसदी प्रभावकारिता के लिए लक्ष्य बना रहे हैं, लेकिन 50 से 100 प्रतिशत के बीच पा सकते हैं.'

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली 3 कंपनियां क्लिनिकल ट्रायल की एडवांस स्टेज में हैं : केंद्र सरकार

बताते चलें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारतीय सीरम संस्थान द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का मानव शरीर पर तीसरे चरण का परीक्षण इस सप्ताह से पुणे के ससून अस्पताल में परीक्षण शुरू हो चुका है. सरकार संचालित ससून अस्पताल के डीन डॉक्टर मुरलीधर तांबे ने बीते हफ्ते कहा था, 'ससून अस्पताल में अगले सप्ताह कोविशील्ड वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो जाएगा. इसके सोमवार से शुरू होने की संभावना है. परीक्षण के लिए पहले ही कुछ स्वयंसेवक आगे आ चुके हैं. लगभग 150 से 200 लोगों को यह टीका लगाया जाएगा.'

VIDEO: कोवैक्सीन पूरी तरह से भारतीय, शुरुआती ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है : रणदीप गुलेरिया

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)