NDTV Exclusive : नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा- सांसदों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी मेरी

नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से NDTV की खास बातचीत, कहा- संसदीय मर्यादाओं के साथ निर्बाध रूप से संसद चलाएंगे

NDTV Exclusive : नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा- सांसदों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी मेरी

नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने NDTV से कहा है कि वे मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए निर्बाध संसद चलाएंगे.

खास बातें

  • कहा- सबको साथ लेकर इस देश में चलने की आवश्यकता
  • अच्छे वाद-विवाद, तर्क-वितर्क देश को आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे
  • अनुभव की कमी को लेकर सवाल पर चुप्पी साधे रहे बिड़ला
नई दिल्ली:

नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने NDTV से कहा कि 'पीएम ने भरोसा और सभी दलों के नेताओं ने जो विश्वास व्यक्त किया है, मेरी कोशिश होगी कि जो जिम्मेदारी दी है निश्चित रूप से संसदीय मर्यादाओं को रखते हुए निर्बाध रूप से संसद को चलाऊं.'

बिड़ला ने कहा कि 'संख्या के आधार पर सत्ता और विपक्ष के बीच संतुलन नहीं बैठाऊंगा. सबको साथ लेकर इस देश में चलने की आवश्यकता है. जितने भी सदस्य चुनकर आए हैं उनकी नीतियां अलग हो सकती हैं, विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन सबका एक लक्ष्य है भारत खुशहाल हो, देश आगे बढ़े. इसीलिए संसद के अंदर अच्छे वाद-विवाद, तर्क-वितर्क देश को आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे.'

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 'मेरी कोशिश होगी संसदीय परंपरा और  नियमों के तहत संसद निर्बाध चले. सबको अपनी बात कहने का अधिकार हो. उनके अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी मेरी है.
सबको साथ लेकर चलेंगे.'

जब बिड़ला से उनके अनुभव की कमी पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया.

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बीजेपी नेता और कोटा से सांसद ओम बिड़ला (OM Birla) निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुने गए हैं. एनडीए के सभी सदस्यों ने और वाईएसआर कांग्रेस ने भी उनका समर्थन किया. विपक्ष ने भी उनकी उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बिड़ला ने कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था.

VIDEO : ओम बिड़ला लोकसभा के नए अध्यक्ष

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ओम बिड़ला दो बार सांसद रहे हैं और कोटा से तीन बार विधायक रहे हैं. उन्हें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) का बहुत करीबी माना जाता है. वे बीजेपी (BJP) युवा मोर्चा में भी रहे हैं और उन्होंने राजस्थान में पार्टी का पुनर्गठन किया था.