2018 के इन 8 मोर्चों पर राहुल का होगा पीएम मोदी से सामना, यहीं से तय होगी 2019 के लोकसभा चुनाव की बिसात

चुनाव के बाद बीजेपी का 'प्रबंधन' हर बार की तरह कांग्रेस पर भारी पड़ा और जरूरी संख्या जुटाकर सरकार बना ली. साल के आखिरी में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने ही सरकार बनाई.

2018 के इन 8 मोर्चों पर राहुल का होगा पीएम मोदी से सामना, यहीं से तय होगी 2019 के लोकसभा चुनाव की बिसात

फाइल फोटो

खास बातें

  • कई राज्यों में है विधानसभा चुनाव
  • उत्तर-पूर्व पर है बीजेपी की नजर
  • एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हैं बीजेपी की सरकारें
नई दिल्ली:

साल 2017 विपक्षी दलों के लिए ठीक नहीं रहा है. इस साल में जिन राज्यों में भी चुनाव हुए उनमें पंजाब छोड़कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में बीजेपी की ही सरकार बनी है. ये बात अलग है कि गोवा और मणिपुर में कांग्रेस ही बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन चुनाव के बाद बीजेपी का 'प्रबंधन' हर बार की तरह कांग्रेस पर भारी पड़ा और जरूरी संख्या जुटाकर सरकार बना ली. साल के आखिरी में गुजरात और  हिमाचल प्रदेश  में भी बीजेपी ने ही सरकार बनाई. हिमाचल में जहां बीजेपी को सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिला तो गुजरात में कांग्रेस ने तगड़ी टक्कर दी लेकिन आखिरी बाजी बीजेपी के ही हाथ में लगी. गुजरात जीतना बीजेपी के लिए बहुत जरूरी था कि क्योंकि गुजरात के मॉडल के दम पर ही बीजेपी केंद्र की सत्ता के काबिज में हुई थी. तो इस तरह से साल 2017 में बीजेपी की जीत का सिलसिला जारी रहा. बात करें 2018 की तो इस साल भी कई विधानसभा चुनाव हैं और इन्हीं चुनावों से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की बिसात तय होगी.

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मेघालय
मेघालय में बीजेपी पूरा जोर लगा रही है. यहां अभी मुकुल संगमाकी अगुवाई में कांग्रेस की सरकार है. शुक्रवार को ही रोवेल लिंगदोह कांग्रेस के 5 विधायकों के साथ इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के एक विधायक और दो निर्दलीय विधायकों ने सदन से इस्तीफा दे दिया है. मतलब साफ है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में समीकरण बहुत तेजी से बदल रहे हैं.

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त्रिपुरा में है वामपंथ का गढ़
बीजेपी नेताओं का मनना है कि जब पश्चिम बंगाल में वामपंथी पार्टियों को हराया जा सकता है तो त्रिपुरा में क्यों नहीं. त्रिपुरा में 25 सालों से सीपीएम की सरकार है और यहां पर मुख्यमंत्री मणिक सरकार हैं. असम के बीजेपी नेता हेमंत बिश्वसरमा को पार्टी की ओर से पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनको नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस यानी नेडा का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं इस राज्य में आरएसएस भी पूरी ताकत झोंके हुए है. 

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नागालैंड में अभी है एनडीए की सरकार
यहां पर एनडीए समर्थित सरकार है. साल 2013 में एनसीपी के चार विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे और बीजेपी ने टी आर जेलियांग अगुवाई में चल रही नागालैंड पीपुल्स फ्रंट सरकार को समर्थन दिया है. बीजेपी इसके सहारे राज्य में विस्तार की कोशिश कर रही है. 
 

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कर्नाटक के लिए है पूरी तैयारी
कर्नाटक में बीजेपी पूरी तरह से दोबारा वापसी की कोशिश में है. अभी यहां पर कांग्रेस की सरकार की है. अमित शाह ने यहां पर बीजेपी का चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. बीएस येदुप्पा को यहां पर बीजेपी ने सीएम पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.

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मिजोरम में है अभी कांग्रेस की सरकार
प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में उत्तर-पूर्व के राज्य हैं. पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही तुईरिल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है. बीजेपी यहां भी कांग्रेस से सत्ता छीनने की तैयारी में है. 

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शिवराज के सामने है इस बड़ी चुनौती
मध्य प्रदेश में बीजेपी 2003 से सत्ता में है. शिवराज की अगुवाई में बीजेपी दो चुनाव जीत चुकी है. लेकिन इस बार शिवराज के सामने कई चुनौतियां हैं. खूफिया रिपोर्ट के मुताबिक 60 से 70 विधायक इस बार चुनाव हार सकते हैं. दूसरी ओर घोटाले के आरोपों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है.

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छत्तीसगढ़ में सरकार बचाने की चुनौती
छत्तीसगढ़ में बीजेपी 2003 से सत्ता में है. रमन सिंह यहां पर तीन बार से सीएम हैं. कांग्रेस यहां पर सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाना चाहती है लेकिन वह अपने ही नेताओं के टकराव से परेशान है.

राजस्थान में सबसे ज्यादा मुश्किल
राजस्थान में वसुंधरा सरकार के खिलाफ काफी असंतोष देखा जा रहा है. राज्य सरकार कई विवादों में उलझी नजर आ रही है और पार्टी के अंदर भी काफी खींचतान है.
 
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