एनजीटी की फटकार, रिपोर्ट दाखिल करो या 50 हजार का जुर्माना भरो

एनजीटी की फटकार, रिपोर्ट दाखिल करो या 50 हजार का जुर्माना भरो

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

डेंगू-चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने सितंबर में सुनवाई शुरू की थी, दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में प्रिंसिपल कमेटी बनी, लेकिन जब स्टेटस रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं हुई तो अंतिम मोहलत 7 दिनों की दी गई. फेल हुए तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना.

एनजीटी ने बुधवार को सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली की एक भी कॉलोनी साफ़-सुथरी नहीं है, यहां मच्छरों से लेकर पानी की निकासी और कचरा हटाने के इंतज़ाम तक कायदे के नहीं है. एनजीटी ने इसके लिए दिल्ली सरकार, एनडीएमसी, डीडीए, एमसीडी और बाक़ी महकमों से हफ्ते भर में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

एनजीटी ने कहा कि अगर रिपोर्ट नहीं मिली तो अफसरों को 50 हज़ार जुर्माना देना होगा. एनजीटी इस बात से खासा  नाराज़ है कि इसके पहले दो-दो मौकों पर महकमे स्टेटस रिपोर्ट देने में नाकाम रहे. ट्राइब्यूनल ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े से इस मसले पर-

-न तो विभाग तत्परता दिखा रहे हैं और न ही गंभीरता
-एक कॉलोनी का नाम बताएं, जो पूरी तरह साफ-सुथरी हो
-अब हर संबंधित विभाग को तीन-तीन कॉलोनियों में अपने कदमों की जानकारी देनी है
-इनमें एक अनधिकृत कॉलोनी भी होनी चाहिए

राजधानी दिल्ली में फिलहाल डेंगू के मामले 3 हजार को पार कर गए हैं और चिकनगुनिया 7 हजार के पार, लेकिन चिकनगुनिया से मिलते-जुलते वायरल बुखार की मार लाखों पर पड़ी है.


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