कानपुर रेल हादसा : आईएसआई की साजिश को लेकर एनआईए ने शुरू की जांच

कानपुर रेल हादसा : आईएसआई की साजिश को लेकर एनआईए ने शुरू की जांच

कानपुर में पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी

खास बातें

  • बिहार में गिरफ्तार लोगों के मोबाइल के क्लिप के तार कानपुर हादसे से जुड़े
  • इस हादसे का मास्टरमाइंड नेपाल का कारोबारी इस समय दुबई में
  • अन्य रेल हादसों की भी फिर से जांच कराएगी भारत सरकार
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक़ बिहार पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए मोती पासवान के मोबाइल में एक ऐसा वीडियो क्लिप मिला है जिससे इस दावे को बल मिलता है कि इन आरोपियों का रिश्ता कानपुर ट्रेन हादसे से भी है. इस मामले में दिल्ली में दो वीज़ा एजेंटों से पुछताछ भी चल रही है.

एजेंसी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि कानपुर रेल हादसे का मास्टरमाइंड दुबई में बैठा नेपाल का कारोबारी शम्शुल होदा है. शम्शुल के भतीजे जिया-उल-हक़ और उसके साथी ज़ुबैर से भी पूछताछ की जा रही है. इन दोनों को पिछले साल दिल्ली में गिरफ़्तार किया गया था.

जांच एजेंसी दिल्ली, बिहार और कानपुर में हुई गिरफ़्तारियों को इस सिलसिले से जोड़ कर चल रही है. इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें घोड़ासन से मोती पासवान, मुकेश यादव और उमाशंकर पटेल, नेपाल से बृजकिशोर, मुजाहिर अंसारी और शंभु गिरी तथा दिल्ली से गिरफ्तार जुबैर और जिया-उल-हक़ शामिल हैं.

एनआईए को गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की भी इस मामले में तलाश है. इसी गैंग ने पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में अक्टूबर में IED लगाकर एक यात्री ट्रेन को उड़ाने की कोशिश की थी.

नए ख़ुलासों के बाद केंद्र सरकार का कहना है कि कानपुर के अलावा बीते साल हुए दो रेल हादसों की भी जांच फिर से की जाएगी. गौरतलब है कि 20 नवंबर को कानपुर के नजदीक पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

 


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