निर्भया के दोषियों के वकील को कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- 'आप आग से खेल रहे हैं- आपको पता होना चाहिए कि...'

Nirbhaya Case: 'कोर्ट ने दोषियों के वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए.'

खास बातें

  • फांसी पर रोक लगाने की याचिका खारिज
  • मंगलवार सुबह 6 बजे होनी है दोषियों को फांसी
  • कोर्ट ने दोषियों के वकील को भी लगाई फटकार
नई दिल्ली:

Nirbhaya Case: निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चौथे दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. उधर, चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने से पटियाला हाउस कोर्ट ने भी इनकार कर दिया. कल सुबह 6 बजे सभी दोषियों को फांसी होनी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने अक्षय ठाकुर (31) पवन गुप्ता (25) विनय शर्मा (26) और मुकेश सिंह (32) की अर्जी खारिज कर दी, जिन्होंने अपनी मौत की सजा को चुनौती दी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा धर्मेंद्र राणा ने पवन की याचिका पर फैसला सुनाते हुए इस स्तर पर याचिकाएं दायर करने के लिए दोषी के वकील को फटकार भी लगाई. पवन ने निचली अदालत के समक्ष भी एक नई याचिका दाखिल की और कहा कि उसकी दया याचिका लंबित होने पर कल की फांसी को रोक दिया जाए.

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उधर, 'कोर्ट ने दोषियों के वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए.' कोर्ट ने वकील से कहा कि 'एक गलत कदम किसी ने उठाया तो अंजाम आपको पता है.' कोर्ट के फैसले के बाद पवन ने तुरंत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की. भले ही आज राष्ट्रपति की तरफ से इसे खारिज कर दिया जाए लेकिन कानून कहता है कि दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही दोषी को फांसी दी जा सकती है. 

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उधर, निर्भया की मां ने कहा, 'उन्होंने अदालत का समय बर्बाद किया है और सिस्टम को खत्म करने की कोशिश की है. अब आखिरकार उन्हें कल फांसी दी जाएगी. उधर निर्भया की तरफ से पैरवी कर रहीं वकील ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. जिस तरह से वे कानून में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे थे, वह अब समाप्त होता है.ट

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बता दें कि इससे पहले दो बार दोषियों का डेथ वारंट जारी किया जा चुका है. सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर हुई थी. दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी. हालांकि दोषियों के वकील ने कानूनी दांवपेच लगाकर इसे रद्द करवा दिया गया था.