निर्भया केस : दोषियों ने फिर लगाई फांसी पर रोक लगाने के लिए याचिका, अब दी यह दलील

याचिका में कहा गया है कि दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित और अक्षय सिंह की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास

निर्भया केस : दोषियों ने फिर लगाई फांसी पर रोक लगाने के लिए याचिका, अब दी यह दलील

निर्भया केस में दोषियों के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल करके फांसी पर रोक लगाने की मांग की है.

नई दिल्ली:

निर्भया गैंग रेप और हत्या मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और अक्षय सिंह की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास है. इस पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. गुरुवार को दोपहर 12 बजे मामले की सुनवाई होगी.

निर्भया मामले में दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका पर कल सुबह 10.25 मिनट पर 6 जज इन चैम्बर विचार करेंगे. दोषी पवन ने नाबालिग होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है. हालांकि इससे पहले निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अपराध के समय उसके नाबालिग होने की दलील ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

निर्भया मामले में फांसी से पहले दोषियों ने आखिरी पैंतरा चला है. दोषी अक्षय ने जहां राष्ट्रपति के आगे एक बार फिर दया याचिका लगाई है तो वहीं दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की है. निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी अक्षय ठाकुर ने 20 मार्च को तय फांसी से महज तीन दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की है. 

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि अक्षय ने मंगलवार की शाम को राष्ट्रपति को संबोधित याचिका दायर की. फांसी तिहाड़ जेल में ही दी जानी है. उन्होंने कहा, ‘‘इस याचिका को भी दिल्ली सरकार के मार्फत गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा.''

वहीं, निर्भया मामले के दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत उच्चतम न्यायालय में एक सुधारात्मक याचिका दायर की है. पवन गुप्ता ने यह सुधारात्मक याचिका उस पुनर्विचार याचिका को खारिज किये जाने के खिलाफ दायर की है जिसमें उसके किशोर होने का दावा खारिज किया गया था.

उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की उस समीक्षा याचिका को 31 जनवरी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को 20 जनवरी को खारिज कर दिया गया था. 

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पुनर्विचार याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने चैंबर में सुनवायी करके खारिज कर दी थी. पवन के अधिवक्ता ए पी सिंह ने मंगलवार को सुधारात्मक याचिका दायर किये जाने की पुष्टि की.