नित्यानंद के खिलाफ मामले की जांच करने आश्रम पहुंचे पुलिसकर्मियों के खिलाफ ही बच्चों को पोर्न दिखाने का केस

नित्यानंद के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यह मामला जांच के दौरान नित्यानंद के आश्रम के बच्चों को कथित तौर पर अश्लील सामग्री दिखाने के लिए दर्ज किया गया है.

नित्यानंद के खिलाफ मामले की जांच करने आश्रम पहुंचे पुलिसकर्मियों के खिलाफ ही बच्चों को पोर्न दिखाने का केस

नित्यानंद के आश्रम के बच्चों को अश्लील सामग्री दिखाने के लिए पुलिस पर दर्ज किया केस- फाइल फोटो

अहमदाबाद:

नित्यानंद के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यह मामला जांच के दौरान नित्यानंद के आश्रम के बच्चों को कथित तौर पर अश्लील सामग्री दिखाने के लिए दर्ज किया गया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी. जिन 14 व्यक्तियों में खिलाफ एक विशेष अदालत के आदेश पर छह मार्च को एक प्राथमिकी दर्ज की गई उनमें बाल कल्याण कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य भी शामिल हैं. अदालत ने मामला दर्ज करने का आदेश नित्यानंद के अनुयायी गिरीश तुरलापती की ओर से दायर एक शिकायत अर्जी पर सुनवायी करते हुए दिया.

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तुरलापती अहमदाबाद के बाहरी इलाके में स्थित हीरापुर गांव स्थित आश्रम सह गुरुकुल में रहते हैं. प्राथमिकी अहमदाबाद जिले के विवेकानंदनगर पुलिस थाने में दर्ज की गई है. यह वही पुलिस थाना है जहां विवादास्पद स्वयंभू बाबा नित्यानंद के खिलाफ गत वर्ष नवम्बर में तीन बच्चों के अपहरण एवं गलत तरीके से कैद करने का एक मामला दर्ज किया गया था. तुरलापती ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया कि विवेकानंदनगर पुलिस थाने के निरीक्षक आर बी राणा सहित पुलिस अधिकारियों और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने आश्रम के नाबालिगों से आपत्तिजनक प्रश्न किये.

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं ने बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. तुरलापती ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चियों सहित बच्चों को जांच टीमों ने छेड़छाड़ किये गए अश्लील वीडियो और तस्वीरें दिखायीं. पीटीआई के पास अर्जी की एक प्रति है. तुरलापती ने यह भी दावा किया कि संबंधित पुलिस अधिकारियों और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने बच्चों से अनुकूल बयान निकालने के लिए उन्हें भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने का प्रयास किया.

विशेष पॉक्सो कानून अदालत ने अपने आदेश में पॉक्सो कानून, भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत एक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. आरोपियों की पहचान पुलिस निरीक्षक राणा, उपाधीक्षक के टी कमारिया, उपाधीक्षक रियाज सरवैया, उपाधीक्षक एस एच शारदा, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी दिलीप मेर और सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष भावेश पटेल सहित सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के तौर पर की गई है.

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अहमदबाद ग्रामीण एससी/एसटी सेल के पुलिस उपाधीक्षक पी डी मनवर ने कहा, ‘‘हमने पॉक्सो अदालत के आदेश के बाद पुलिस अधिकारियों सहित 14 व्यक्तियों के खिलाफ छह मार्च को एक प्राथमिकी दर्ज की. अभी तक हमने शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है.''



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)