नीति आयोग के सदस्य ने कहा- कोविशील्ड और कोवैक्सीन सुरक्षित, साइड इफेक्ट नगण्य

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी. के. पॉल (Doctor V.K. Paul) ने कहा है कि देश में टीकाकरण की शुरुआत करने से पहले इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं.

नीति आयोग के सदस्य ने कहा- कोविशील्ड और कोवैक्सीन सुरक्षित, साइड इफेक्ट नगण्य

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी. के. पॉल (Doctor V.K. Paul) ने कहा है कि देश में टीकाकरण की शुरुआत करने से पहले इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं, उनसे कोई खतरा नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसपर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जिन दो टीकों को मंजूरी दी गई है वे सबसे सुरक्षित हैं. दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और इसके साइड इफेक्ट नगण्य हैं. कोई बड़ा खतरा नहीं है.''

इधर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका 28 दिनों के अंतर पर लगेगा और दूसरा टीका लगने के 14 दिनों के बाद उसका असर शुरू होगा.संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीका का असर खुराक पूरा होने के 14 दिनों बाद दिखना शुरू होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें.''भूषण ने कहा कि टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होगा.भारत में कोविड-19 का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हो रहा है और पहले चरण में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने हाल ही में दो टीकों के आपात उपयोग की अनुमति दी है. ये टीके हैं... ऑक्सफोर्ड का कोविशील्ड जिसका उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है और दूसरा है भारत बायोटेक का कोवैक्सीन. मंत्रालय के अनुसार, दोनों टीकों के सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि हुई है.
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी. के. पॉल ने कहा कि इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं और उनसे कोई खतरा नहीं है.

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उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसपर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जिन दो टीकों को मंजूरी दी गई है वे सबसे सुरक्षित हैं. दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और इसके साइड इफेक्ट नगण्य हैं. कोई बड़ा खतरा नहीं है.''भूषण ने पहले कहा था कि कोविड-19 का टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से होगा.उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मी (करीब एक करोड़) सर्वोच्च प्राथमिकता होंगे, उसके बाद अन्य कोरोना योद्धा (करीब दो करोड़), आयु के हिसाब से (करीब 27 करोड़). स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को टीका लगाने पर आने वाला खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी.''