नोटबंदी नहीं अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह थी रघुराम राजन की गलत नीतियां : नीति आयोग के उपाध्यक्ष

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी पूरी तरह विफल रही. नोटबंदी का रिजल्‍ट क्‍या आया कि पूरा का पूरा पैसा वापस आ गया. 2 फीसदी जीडीपी, करोड़ों लोगों का रोजगार और नोटबंदी का कोई रिजल्‍ट नहीं आया.

नोटबंदी नहीं अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह थी रघुराम राजन की गलत नीतियां : नीति आयोग के उपाध्यक्ष

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रघुराम राजन की आलोचना
  • राजीव कुमार हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष
  • मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम से जताई असहमति
नई दिल्ली:

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था में मंदी आई है, यह बिलकुल गलत है और चिंता की बात यह है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पी.चिदंबरम से जैस लोग ऐसी बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा, "आर्थिक वृद्धि में गिरावट इसलिए हो रही थी, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) बढ़ रही थीं... ऐसा इसलिए हो रहा था, क्योंकि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में NPA की पहचान के लिए नए मैकेनिज़्म लाए गए थे, और वे बढ़ते चले गए, जिसके चलते बैंकिंग सेक्टर ने उद्योगों को ऋण देना बंद कर दिया.' गौरतलब है कि आरबीआई की ओर से नोटबंदी को लेकर आंकड़े जारी किये गये हैं जिसमें कहा गया है कि 99.3 नोट वापस आ गये थे. इस पर कांग्रेस सहित सभी दल मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि इस फैसले से काला धन तो वापस नहीं आया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है.  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी की वजह से देश को 2.25 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है.  उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए सवाल किया, ‘‘याद करिए कि किसने कहा था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और यह सरकार के लिए लाभ होगा ?’’

 



प्राइम टाइम : नाकाम रही नोटबंदी?

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी पूरी तरह विफल रही. नोटबंदी का रिजल्‍ट क्‍या आया कि पूरा का पूरा पैसा वापस आ गया. 2 फीसदी जीडीपी, करोड़ों लोगों का रोजगार और नोटबंदी का कोई रिजल्‍ट नहीं आया. सबसे पहले प्रधानमंत्री जी को देश को जवाब देना होगा कि जब बेरोजगारी जैसे मुद्दे बरकरार हैं, हमारे युवा रोजगार चाहते हैं तो आपने देश पर इतनी बड़ी चोट क्‍यों दी, कारण क्‍या थे, रिजननिंग क्‍या थी.'

 

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वहीं केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी निशाना साधते हुये कहा है कि ‘‘वित्तीय अराजकता’’ में डालने के लिए कौन-सा प्रायश्चित करेंगे. शिवसेना ने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया, उद्योग प्रभावित हुए, आजादी के बाद से पहली बार रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया और सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन अब भी देश के शासक विकास की शेखी बघार रहे हैं. 

हमलोग : नोटबंदी-जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा ?

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