क्या नीतीश कुमार के प्रति नरम पड़ रहे जीतन राम मांझी के तल्ख तेवर?

क्या नीतीश कुमार के प्रति नरम पड़ रहे जीतन राम मांझी के तल्ख तेवर?

जीतन राम मांझी का फाइल फोटो

पटना:

क्या हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्‍युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी के तल्ख तेवर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नरम पड़ गए हैं? यह सवाल रविवार को उस वक्त पैदा हुआ जब मांझी ने कहा कि नीतीश और उनके बीच कभी दूरी नहीं रही। 'राजनीति को संभावनाओं का खेल' करार देते हुए मांझी ने कहा, 'जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद, जिनके एक-दूसरे से कड़वे रिश्ते थे, एक साथ आ सकते हैं...फिर मेरी तो नीतीश कुमार से ऐसी दुश्मनी भी नहीं है।'

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके और नीतीश के बीच दूरी खत्म हो गई है, मांझी ने कहा, 'मेरे और नीतीश के बीच दूरी थी ही कब? ऐसा कभी नहीं था।' बीते एक जुलाई को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की ओर से आयोजित इफ़्तार पार्टी में मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही बैठे थे।

 अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिज़वान के साथ मौजूद मांझी ने बताया, 'मैं आज जो कुछ हूं, नीतीश कुमार की वजह से हूं..वरना मैं तो एक विधायक और मंत्री रहा होता। लेकिन यह तो नीतीश जी का बड़प्पन था कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बना दिया।' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यदि नीतीश ने यह नहीं कहा होता कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाकर गलती की, तो मैंने उन्हें भगवान माना होता।' 

उन्होंने कहा कि यदि नीतीश अपना यह बयान वापस ले लें तो जदयू अध्यक्ष को बहुत आदर दूंगा । बीते शुक्रवार को इफ़्तार पार्टी के दौरान मांझी और नीतीश ने बातचीत भी की थी और एक-दूसरे के प्रति सहज नजर आ रहे थे ।

मांझी और नीतीश के रिश्ते बिगड़ने के बाद यह पहला मौका था जब दोनों एक साथ सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे । मांझी नीतीश की जगह बिहार के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। लेकिन 2015 में मुख्यमंत्री पद पर नीतीश की वापसी के लिए मांझी ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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