लव जिहाद पर नीतीश कुमार ने भाजपा को किया साफ़, बिहार में नहीं गलने वाली दाल

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान जेडीयू के नए अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने अरुणाचल में जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल होने विधायकों को लेकर बात रखी. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कि हम साजिश नहीं रचते, किसी को धोखा नहीं देते, सहयोगी के प्रति ईमानदार रहते हैं.

लव जिहाद पर नीतीश कुमार ने भाजपा को किया साफ़, बिहार में नहीं गलने वाली दाल

JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लव जिहाद के मुद्दे पर पार्टी ने स्पष्ट राय रखी

पटना:

लव जिहाद के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) भाजपा के रुख से सहमत नहीं है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जिस आक्रामक तरीक़े से जनता दल यूनाइटेड ने इस मुद्दे पर पूरे देश में BJP के इस कदम का विरोध किया है, उससे लगता है कि आने वाले समय में दोनों पार्टियों में मतभेद और विरोध बढ़ेगा. भाजपा के कई नेताओं ख़ासकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई सांसदों ने इस मुद्दे पर अध्यादेश या बिल लाने की मांग की थी. माना जा रहा है कि जेडीयू में आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार ने अब अपने और बीजेपी के बीच नई दीवार खड़ी कर दी है. बीजेपी को अब किसी भी मुद्दे पर बात करने के लिए पहले आरसीपी सिंह से निपटना होगा. 

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने साफ कहा कि लव जिहाद को लेकर देश के कोने-कोने में घृणा फैलाने का प्रयास किया जा रहा है. संविधान औऱ सीआरपीसी की धाराओं में लिखा हुआ है कि दो वयस्क अपनी मर्जी से अपना जीवनसाथी चुनने को स्वतंत्र है. इसमें जात-पात, धर्म या क्षेत्र कोई मायने नहीं रखता. लिहाजा लव जिहाद को लेकर जो घृणात्मक, निंदात्मक और विभाजनकारी माहौल पैदा किया जा रहा है. इससे जेडीयू सही नहीं मानती. 

वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के नए अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधा. अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल होने विधायकों को लेकर पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कि हम साजिश नहीं रचते, किसी को धोखा नहीं देते, सहयोगी के प्रति ईमानदार रहते हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ये गठबंधन की राजनीति के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने बीजेपी को अटल बिहारी के अटल धर्म का पालन करने की नसीहत भी दी. अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के बजाय पार्टी में शामिल कर लिया गया. जेडीयू ने बिहार में कभी ऐसा नहीं किया. नीतीश कुमार के पार्टी नेताओं के इस रुख़ के बाद भाजपा के नेताओं को ये बात साफ़ हो गई है कि इस मुद्दे पर अब उनकी बिहार में दाल नहीं गलने वाली.

त्यागी ने नीतीश कुमार के राष्ट्रीय स्तर पर नई भूमिका के भी संकेत दिए. बीजेपी से कम विधायकों के बावजूद मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार संख्या बल नहीं, साख के नेता हैं. 2005 से पहले भी वह इसी आधार पर मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश कुमार के नेतृत्व और आभामंडल को संख्या बल के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए. नीतीश अन्य राज्यों में भी पार्टी के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में गठबंधन को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन हमारा मन अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर दुखी है.

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जेडीयू ने यह भी संकेत दिया कि लोजपा नेता चिराग पासवान द्वारा बिहार चुनाव में जेडीयू के खिलाफ अपनाई गई रणनीति को लेकर वह खामोश नहीं बैठेगी. त्यागी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव लड़ने वाली सभी नेताओं और जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि उन व्यक्तियों, कारणों और समूहों का पता लगाएं, जिन्होंने जेडीयू को हराने का काम किया. पार्टी को पिछली बार के बराबर इस बार भी मत मिले हैं.