यह ख़बर 11 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

नीतीश ने बीजेपी और मोदी के आरोपों को नकारा, कहा, ये झूठ के सौदागर

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी को झूठ का सौदागर बताया और कहा कि पटना में भाजपा की रैली भीड़ की वजह से नहीं, आतंकी धमाकों की वजह से सुर्खियों में आई... उन्हें आतंकवादियों का शुक्रिया अदा करना चाहिए।

नीतीश ने कहा कि नरेंद्र मोदी झूठ की खेती करते हैं, उनकी रैली को सबसे अधिक सुरक्षा दी गई थी। उन्होंने पूछा कि 2008 के धमाकों के बाद नरेंद्र मोदी ने कितनी जगहों का दौरा किया था और वह कितने परिवारों से मिले थे।

पटना में हुए सिलसिलेवार धमाके पर मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उन्हें असंवेदनशील बताया था और कहा था कि उस समय वह राजगीर में छप्पनभोग में तल्लीन थे। पिछले हफ्ते एक रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री अहंकारी हैं। मोदी ने नीतीश का नाम लिए बगैर कहा कि पटना में धमाके में छह लोगों की मौत और 80 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बावजूद 'वे लोग' पटना से बाहर बड़े भोज का आनंद ले रहे थे और खुश प्रतीत हो रहे थे।

उल्लेखनीय है कि भाजपा पटना में मोदी की रैली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कथित तौर पर गंभीर नहीं होने के चलते नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। बिहार पुलिस ने शनिवार को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के उस बयान का खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य पुलिस ने उनसे और पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि वे 27 अक्टूबर की पटना रैली को संबोधित न करें।

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने रविवार को कहा कि पिछले 27 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में भाजपा की रैली के दौरान हुए बम विस्फोट के कारण भाजपा के शीर्ष नेताओं को रैली को संबोधित करने के लिए उस मैदान में जाने से बिहार पुलिस के पदाधिकारियों द्वारा मना करने की बात का बिहार पुलिस पूर्ण रूप से खंडन करती है। उन्होंने कहा कि रैली के दौरान विधि व्यवस्था में लगे बिहार के पुलिस पदाधिकारियों से पूछे जाने पर यह बात सामने आई है कि किसी पुलिस पदाधिकारी ने भाजपा के किसी भी नेता को गांधी मैदान में रैली को संबोधित करने के लिए वहां जाने से मना नहीं किया गया था।

राजनाथ सिंह ने कहा था, "पुलिस अधिकारी उनके पास आए और बताया कि कुछ विस्फोट हुए हैं और मैं रैली को संबोधित नहीं करूं। यही बात उन्होंने नरेंद्र मोदी से कही। मैंने कहा - नहीं, जो भी हो, हम रैली को संबोधित करेंगे। अगर हमने रैली रद्द कर दी होती, तो पूरे बिहार में दंगे और हिंसा भड़क सकती थी।"

(इनपुट भाषा से भी)


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