बिहार में 'सात निश्चय' के अमल में आने से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को : नीतीश कुमार

बिहार में 'सात निश्चय' के अमल में आने से सबसे ज्यादा फायदा दलितों को : नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना:

बिहार में दलितों को आरक्षण प्राप्त है और रहेगा... यह बात रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कही। संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव दोनों मौजूद थे। नीतीश ने अगले साल से संत रविदास जयंती पर सरकारी दफ्तरों में अवकाश की भी घोषणा की।

नीतीश और लालू दोनों ने इस मौके पर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। लालू ने केंद्र को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो जातीय जनगणना के आंकड़े प्रकाशित करे। लालू ने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि वह आज लोकसभा में नहीं हैं, वरना केंद्र सरकार और उनके मंत्रियों को चुनौती देते। लालू यादव को चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिया गया, जिस कारण उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी है।

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी में संत रविदास जयंती पर आयोजित भोज में शामिल होने पर नीति ने व्यंग्य किया कि इन लोगों की मनुवादी विचारधारा है और ये लोग दलितों को पीछे ले जाना चाहते हैं। नीतीश ने दलित समुदाय से अपील की कि वो बीजेपी के कुचक्र में न फंसें। नीतीश ने दलित समुदाय के सामने कहा कि आने वाले दिनों में उनके 'सात निश्चय' के क्रियान्वयन से सबसे ज्यादा फायदा इसी समुदाय के लोगों को होगा। उन्होंने साथ ही मद्यनिषेध में आगे आकर साथ देने की अपील की।

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वहीं लालू यादव ने अपने पुराने लहजे में कहा कि बीजेपी के लोगों को भारत के संविधान से ज्यादा आरएसएस के संविधान में विश्वास है और राष्ट्रवाद के नारे की आड़ में अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश हो रही है। लालू ने कन्हैया कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि ये लोग देशद्रोही नहीं, बल्कि बीजेपी के लोग देशद्रोही हैं, क्योंकि इनके शासन में श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडे फहराये जा रहे हैं।