कर्पूरी ठाकुर जयंती के बहाने नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समूह के लिए लगाई योजनाओं की झड़ी

नीतीश कुमार ने यहां अपनी पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में अति पिछड़ा वर्ग के लिए एक साथ कई घोषणाएं कर डालीं.

कर्पूरी ठाकुर जयंती के बहाने नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समूह के लिए लगाई योजनाओं की झड़ी

नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा उद्यमी योजना की शुरुआत की.

खास बातें

  • जेडीयू,बीजेपी और बीजेपी ने मनाई कर्पूरी ठाकुर की जयंती
  • नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए की कई घोषणाएं
  • सुशील मोदी ने आरजेडी, लालू यादव और कांग्रेस पर साधा निशाना
पटना:

बिहार में शुक्रवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती के बहाने तीन प्रमुख दलों, सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के अलावा प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल में उन्हें श्रद्धांजलि देने के अलावा अति पिछड़ी जातियों के लिए विकास के कार्यक्रम का क्रेडिट लेने की होड़ दिखाई दी. नीतीश कुमार ने यहां अपनी पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में अति पिछड़ा वर्ग के लिए एक साथ कई घोषणाएं कर डालीं. मुख्यमंत्री अति पिछड़ा उद्यमी योजना की शुरुआत करते हुए नीतीश ने कहा कि अब से कोई अपना रोज़गार शुरू करना चाहता है तो उसे राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये की मदद मिलेगी, जिसमें पांच लाख बिना ब्याज का ऋण होगा और पांच लाख राज्य सरकार की तरफ़ से अनुदान होगा. इसके अलावा उनके प्रशिक्षण के लिए अलग से व्यवस्था भी की जाएगी.

नीतीश कुमार ने अति पिछड़ी जाति के विद्यार्थियों के लिए मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दी जानी वाली छात्रवृत्ति में अब उन परिवारों को भी शामिल करने की घोषणा की है जिनकी सालाना आय ढाई लाख रुपए या इससे कम है. अभी तक अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवारों के ही छात्रों को ढाई लाख सालाना आय पर ये छात्रवृत्ति दी जाती थी, जबकि अति पिछड़ा वर्ग परिवार के लिए ये सीमा डेढ़ लाख रुपये तक थी. माना जा रहा है इन घोषणाओं का नीतीश कुमार को चुनावी साल में भरपूर लाभ मिलेगा.

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कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में भाजपा दफ़्तर में पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेता मौजूद थे लेकिन लोगों की संख्या उतनी नहीं दिखी. हालांकि इस दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने केंद्र सरकर से मांग कि पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए लेकिन उसके बाद उनके भाषण में निशाने पर राजद, लालू यादव और कांग्रेस रही . उन्होंने  कहा कि पिछड़ों-अति पिछड़ों को घोखा देने वाले राजद को कर्पूरी जयंती मनाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाले राजद-कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों को धोखा दिया है. उन्होंने कहा, "1952 में गठित काका कालेलकर कमेटी की रिपोर्ट 1953 में आ गई थी मगर कांग्रेस को उसे लागू करने की हिम्मत नहीं हुई थी. इसी प्रकार जनसंघ के सहयोग से 1977 में बनी मोरारजी की सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया मगर 10 वर्षों तक कांग्रेस उसकी रिपोर्ट को लागू नहीं कर पाई.'' 

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मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में अति पिछड़ों की सूची में करीब दो दर्जन नई जातियों को जोड़ा गया है, इसलिए आने वाले दिनों में पंचायत में अति पिछड़ों के कोटा को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है.  उन्होंने दावा किया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण दिया जिसमें जनसंघ के कैलाशपति मिश्र भी शामिल थे. मंडल कमीशन की रिपोर्ट भी भाजपा के समर्थन से चलने वाली बी पी सिंह की सरकार ने लागू की. बिहार में जब 2005 में एनडीए की सरकार बनी तब जाकर स्थानीय निकायों में अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. नतीजतन आज अति पिछड़ा समाज के 1600 से ज्यादा मुखिया चुन कर आए हैं. राजद-कांग्रेस ने तो 2003 में आरक्षण का प्रावधान किए बिना 27 वर्षों के बाद हुए पंचायत  चुनाव में पिछड़ों की हकमारी की.

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उधर राजद कार्यालय में आयोजित समारोह के अवसर पर मुख्य वक्ता तेजस्वी यादव थे, जिन्होंने याद दिलाया कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर और लालू यादव में कितना क़रीबी रिश्ता था. तेजस्वी ने अपनी बेरोज़गार यात्रा की भी घोषणा की लेकिन उन्होंने भाषण में पार्टी के अंदर चल रहे असंतोष का भी ज़िक्र किया. उनके भाषण में निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रहे.