JDU का आरोप, बीजेपी को नोटबंदी का पता था, फैसले के पहले पार्टी ने जमीन के 23 सौदे किए

JDU का आरोप, बीजेपी को नोटबंदी का पता था, फैसले के पहले पार्टी ने जमीन के 23 सौदे किए

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का फाइल फोटो...

खास बातें

  • जेडीयू का आरोप, नोटबंदी के कदम के बारे में बीजेपी को सूचना दे दी गई थी.
  • पार्टी ने मामले की जांच की मांग की.
  • बीजेपी ने इन आरोपों से इंकार किया.
पटना:

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार द्वारा काला या अघोषित धन पर कार्रवाई करने के लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर लगाई पर पाबंदी के फैसले से पहले बीजेपी ने राज्‍य में पार्टी कार्यालयों के कई जमीनें खरीदीं.
 
जेडीयू का आरोप है कि जमीन खरीद का समय यह दर्शाता है कि सत्‍तारूढ पार्टी को विमुद्रीकरण के कदम के बारे में सूचना दे दी गई थी, जिससे इस वर्ष अगस्‍त और सितंबर के बीच 23 जमीन सौदे किए गए. नोटबंदी का ऐलान 8 नवंबर को किया गया.

राज्‍य में सत्‍तारूढ़ जेडीयू ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने कुछ मामलो में जमीनों के लिए सर्किल रेट या बेस कोस्‍ट से कम भुगतान किया. इसके साथ ही उसने इसकी जांच की मांग की.

जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने कहा कि 'वे विमुद्रीकरण के बारे में जानते थे, लिहाजा ज्‍यादातर डील अगस्‍त और सितंबर में ही कर ली गईं'.

बीजेपी ने इस आरोपों को नकराते हुए कहा कि उसके पास सभी खरीदों के दस्‍तावेज हैं और इनका भुगतान चेक से किया गया, जिससे कालेधन के इस्‍तेमाल की गुंजाइश नहीं है.

बिहार के मुख्य विपक्षी दल ने कहा है जमीन सौदे के लिए बातचीत कई महीने पहले हुईं और केवल सौदें अब हुए.

बिहार के बीजेपी प्रमुख मंगल पांडे ने कहा कि बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने पार्टी की सभी इकाईयों को हर जगह पार्टी कार्यालय बनाने के लिए प्‍लॉट देखने का निर्देश दिया था. अन्‍य राज्‍यों में भी भूमि खरीदी गईं.

राज्‍य के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता सुशील मोदी ने नोटबंदी के फैसले के बारे में बीजेपी को सूचना होने के आरोप का मजाक उड़ाते हुए कहा कि 'राहुल गांधी का कहना है कि नोटबंदी के फैसले के बारे में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को भी सूचना नहीं थी. वहीं दूसरी ओर वे कहते हैं कि भाजपा के लोगों को इत्तला दे दी गई थी. ये वे लोग हैं, जिन्‍होंने 10 साल तक सत्‍ता में रहते हुए कालेधन के खिलाफ कुछ नहीं किया'.

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और जदयू सहित अन्‍य विपक्षी दल नोटों पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन पर केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए एकजुट हुए हैं. उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री इस मामले में संसद में स्‍पष्‍टीकरण दें. उन्होंने इसकी संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी से जांच कराने की मांग की है.


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