जेवर में नहीं बनेगा हवाई अड्डा, उप्र सरकार ने नहीं भेजा कोई प्रस्ताव

जेवर में नहीं बनेगा हवाई अड्डा, उप्र सरकार ने नहीं भेजा कोई प्रस्ताव

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

अगर आने वाले समय में आपको फ्लाइट लेने के लिए दिल्ली से करीब 160 किमी दूर अलवर या फिर 110 किमी दूर रोहतक जाना पड़े, तो बिल्कुल हैरान मत होना। इन दोनों ही शहरों की राज्य सरकारों ने यहां हवाई अड्डा बनाने के लिए अपना प्रस्ताव केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया है, वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने जेवर में हवाई अड्डा बनाने हेतु कोई भी प्रस्ताव नहीं भेजा है। गौरतलब है कि जेवर में हवाई अड्डा बनाए जाने की खबरें आ रही थीं।

करीब एक महीने पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे का बोझ कम करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीआर में एक नया हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव रखा था, इसी सिलसिले में मंत्रालय ने दिल्ली के आसपास के राज्यों से अपना-अपना प्रस्ताव देने के लिए कहा। इसके बाद से ही खबरों का बाज़ार गर्म था कि यह हवाई अड्डा उत्तरप्रदेश के जेवर में बनेगा, लेकिन अगर हमारे सूत्रों की मानें तो यह कहीं भी बने पर जेवर में नहीं बनने वाला।

लोकसभा में 3 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के सांसद द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए उड्डयन मंत्रालय ने सदन को बताया है कि उनका एनसीआर में एक हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है और अब तक दो राज्यों के प्रस्ताव उनके सामने आए हैं, जिनमें से पहला प्रस्ताव राजस्थान सरकार का है, प्रदेश सरकार ने अलवर के कोटकासिम तहसील में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव रखा है और दूसरा प्रस्ताव हरियाणा सरकार से मिला है, जिसमें राज्य सरकार ने रोहतक में कार्गो हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया है। इन दोनों स्थानों के संबंध में उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट डेवलपर से अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

इससे एक बात तो स्पष्ट है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने अब तक जेवर में हवाई अड्डा बनाने संबंधी कोई भी प्रस्ताव नहीं भेजा है। इससे पहले 2010 में उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जेवर में हवाई अड्डा बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था।

उड्डयन राज्य मंत्री महेश शर्मा का कहना है, 'वह चाहते हैं कि दिल्ली के पास जेवर में यह हवाई अड्डा बने, लेकिन अब तक उन्हें उत्तरप्रदेश सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।' हमारे सूत्रों के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजेगी, बल्कि वह पहले ही आगरा में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव भेज चुकी है।

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इसका मतलब यह हुआ कि जेवर में कोई हवाई अड्डा नहीं बनने जा रहा है, इसलिए एक बार जेवर के आसपास जमीन लेने से पहले जरूर सोचें, क्योंकि जेवर में हवाई अड्डा बनने की खबर आने के बाद वहां के आसपास की ज़मीन की कीमतें काफी बढ़ गई थीं।