सट्टेबाज़ी, जुआ को कानूनी वैधता देने पर आम राय नहीं

सट्टेबाज़ी और जुआ को कानूनी वैधता देने के लॉ कमीशन के प्रस्ताव पर क्रिकेट की दुनिया बंट गई है. शुक्रवार को इस मुद्दे पर अलग-अलग राय दिखी.

सट्टेबाज़ी, जुआ को कानूनी वैधता देने पर आम राय नहीं

NDTV से बात करते कीर्ति आजाद

नई दिल्‍ली:

सट्टेबाज़ी और जुआ को कानूनी वैधता देने के लॉ कमीशन के प्रस्ताव पर क्रिकेट की दुनिया बंट गई है. शुक्रवार को इस मुद्दे पर अलग-अलग राय दिखी. सट्टेबाज़ी और मैच फिक्सिंग के कई आरोपों से गुज़र चुके भारतीय क्रिकेट में सट्टेबाज़ी को ही कानूनी बना देने के सुझाव पर सबसे पहले भड़के बीजेपी सांसद और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद. कीर्ति आज़ाद ने कहा, "ये काले धन को सफेद करने का ज़रिया बन जाएगा. कार्रवाई करनी है तो अवैध सट्टेबाज़ों के खिलाफ कीजिये. हैंसी क्रोन्ये केस में बड़े सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी."

लेकिन भारतीय टीम में कीर्ति आज़ाद के साथ खेल चुके हरफनमौला खिलाड़ी मदन लाल ने एनडीटीवी से कहा - "लॉ कमीशन ने सही सिफारिश की है. सट्टेबाज़ी और जुए पर क़ाबू पाना संभव नहीं है इसलिए इन्हें वैधता देने के लिए कानून बनना चाहिये. इससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल गरीब-ज़रूरतमंदों के भलाई के लिए किया जाना चाहिए."

लॉ कमीशन ने मोदी सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खेलों में सट्टे और जुए की वजह से बड़े स्तर पर काला धन पैदा हो रहा है. इसे रोकना संभव नहीं, इसलिए बेहतर होगा कि कानून बनाकर इसे नियमित किया जाए. वैध सट्टे और जुए के लिए आधार और पैन कार्ड अनिवार्य किया जाना चाहिये और इससे इसमें आने वाला पैसा सरकार की निगरानी में रहेगा.

कानून मंत्रालय रिपोर्ट की समीक्षा करेगा, लेकिन कांग्रेस ने भी ये सिफारिश खारिज कर दी है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "हमारा मानना है कि सट्टेबाज़ी से भारतीय खेलों को नुक़सान पहुंचेगा. हर पान दुकान को जुए के अड्डे में बदल देना उचित नहीं होगा."

VIDEO: सट्टेबाजी को लीगल करने की सिफारिश

जाहिर है, सट्टोबाज़ी और जुआ को कानूनी रूप देने का प्रस्ताव पेचीदा है और इस पर ना ही राजनीतिक दलों में सहमति है और ना ही खेल की दुनिया में...ऐसे में लॉ कमीशन की सिफारिश पर आगे बढ़ना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.


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