सरकार की अनुमति के बिना जाकिर नाईक के एनजीओ को विदेशी फंड नहीं

सरकार की अनुमति के बिना जाकिर नाईक के एनजीओ को विदेशी फंड नहीं

डॉ जाकिर नाईक का फाइल फोटो

खास बातें

  • इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गृह मंत्रालय से लेनी होगी स्‍वीकृति
  • इसको पूर्व अनुमति लेने की श्रेणी के दायरे में रखा गया
  • इसको सरकार को अनुमति नहीं देने के पहले कदम के रूप में देखा जा रहा
नई दिल्‍ली:

विवादित उपदेशक डॉ जाकिर नाईक का एनजीओ इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्‍वीकृति के बिना विदेशी फंड नहीं ले सकेगा. इस संगठन को ''पूर्व अनुमति लेने की श्रेणी'' के दायरे में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. इसको विदेशी फंड नहीं लेने देने की दिशा में सरकार के पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.    

इस संबंध में मंत्रालय का कहना है कि विदेशी फंड लेने से संबंधित विदेशी अनुदान नियमन एक्‍ट (एफसीआरए) के अधीन इस फाउंडेशन के लाइसेंस का 'गलती से' पुर्ननवीकरण पिछले महीने हो गया था. जबकि डॉ नाईक पर विदेशी फंड के दुरुपयोग के मामले की जांच हो रही है.

उल्‍लेखनीय है कि डॉ नाईक पर बांग्‍लादेश सरकार ने भी आरोप लगा है कि जुलाई में ढाका कैफे पर हमला करने वाले आतंकी उनके भाषणों से प्रेरित थे. उस आतंकी हमले में 20 लोग मारे गए थे. भारत ने डॉ नाईक के भाषणों की विस्‍तृत पड़ताल का वादा किया है.  

पिछले सप्‍ताह लाइसेंस के नवीकरण होने पर गृह राज्‍य मंत्री किरन रिजिजू ने NDTV से कहा था, ''हमने ऐसा करने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है क्‍योंकि ऐसे वक्‍त में उनके लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया जा सकता जबकि मामले की जांच चल रही है.''

सूत्रों के मुताबिक बांग्‍लादेश के आरोपों के बाद चर्चा में आने वाले इस उपदेशक के इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन की फंडिंग जांच के दायरे में रही थी. दो साल पहले हुई ऐसी जांच में कई विसंगतियां पाई गई थीं जिसमें विदेशी फंड को फिक्‍स डिपॉजिट के रूप में इस्‍तेमाल की बात भी शामिल है. सिर्फ इतना ही नहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि फाउंडेशन ने तकरीबन एक करोड़ के चंदे को अपनी अकाउंट बुक में नहीं दर्शाया.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com