इस साल नाथुला दर्रे से नहीं होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार

नाथुला दर्रे से जो रास्ता मानसरोवर के लिए जाता था, वो इस  साल के लिए बंद हो गया है. ये अब तय हो चला है.

इस साल नाथुला दर्रे से नहीं होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार

चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.... 

खास बातें

  • सेना प्रमुख बिपिन रावत ख़ुद सिक्किम हालत की समीक्षा करने पहुंचे हैं
  • चीन चुंबी घाटी में सड़कें बना रहा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया
  • भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने
नई दिल्ली:

नाथुला दर्रे से जो रास्ता मानसरोवर के लिए जाता था, वो इस  साल के लिए बंद हो गया है. ये अब तय हो चला है. विदेश मंत्रालय से एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ 28 जून तक दिल्ली से गैंगटोक के लिए चौथा जत्था रवाना होना था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अब सिर्फ़ चार बैच और बचे हैं. आख़िरी बैच को 22 जुलाई को दिल्ली से जाना है. जब पहले चार नाथुला क्रॉस नहीं कर पाए तो बाक़ी कैसे जा पाएंगे. इसीलिए इस साल तो ऐसा ही लग रहा है कि नाथूला वाला रूट मानसरोवर यात्रा के लिए बंद है." उधर, भारत और चीन के बीच डोकला में ही नहीं बल्कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कई जगह तनाव बढ़ गया है.  

सेना प्रमुख बिपिन रावत ख़ुद सिक्किम हालत की समीक्षा करने पहुंचे हैं. उन्होंने फ़ॉर्मेशन कमांडर से बैठक की. हलात की समीक्षा करने के बाद दिल्ली आकर वो रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे. 

उत्तर-पूर्व के प्रभारी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक़ सिक्यरिटी ग्रीड उस इलाक़े की समीक्षा कर रहा है और हालात के मुताबिक़ करवाई की जा रही है." सिंह के मुताबिक़ जब से भाजपा की सरकार आई है तब से पूर्वोत्तर के हर राज्य में हालात बेहतर हुए हैं.  जीतेंद्र सिंह का यह बयान इसीलिए अहम है क्योंकि चीन शायद ये सोच रहा था कि मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाकर वो भारत पर दबाव बनाएगा. एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने बताया, "चीन ने शायद यह सोचकर गलती कर दी कि धर्म के मुद्दे को आधार बनाकर पैदा किया गया दबाव वर्तमान सरकार पर काम कर जाएगा."  

सिक्किम सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया. 

उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." 

अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं. 

उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे.


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