मनोहर लाल खट्टर की फाइल फोटो
चंडीगढ़: हरियाणा की बीजेपी सरकार ने दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच सफर करने वाले वीआईपी नेताओं को पायलट गाड़ी पर पाबन्दी लगा दी है। इस फैसले से ज़िलों की पुलिस को राहत मिलेगी जिन्हें पीसीआर की गाड़ियों को वीआईपी ड्यूटी पर भेजना पड़ता था। यह वीआईपी संस्कृति से मुक्ति की तरफ खट्टर सरकार की एक छोटी कोशिश है।
सरकार की तरफ से सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों को भेजे गए आदेश में साफ़ कर दिया गया है कि ऐसे माननीयों को पायलट गाड़ी नहीं दी जाये जो दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच यात्रा करते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'मैंने खुद अपनी सुरक्षा से 175 लोगों हटाया है, हम और आगे भी ऐसे कदम उठाएंगे, मेरी और मंत्रियों सुरक्षा घट सकती है। ये स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता।'
इस फैसले से राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर एक से लगते ज़िलों के पुलिस महकमों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गयी है जिन्हें पीसीआर ड्यूटी से गाड़ियां वीआईपी की सेवा में भेजनी पड़ती थी जिसके चलते रोजमर्रा की कानून व्यवस्था पर मार पड़ती थी।
नेताओं ने अपने-अपने तरीके से फैसले पर राय दी। हरियाणा के स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि बहुत से राज्यों में ये पहले से ही नहीं है, इसे और कम किया जाना चाहिए। वहीँ केंद्रीय मंत्री बीरेंदर सिंह ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों को खतरा रहता है, उनकी सुरक्षा राज्य सरकार का काम और दायित्व भी है।
हालांकि इस फैसले में कुछ ढील भी दी गयी है। जेड प्लस सुरक्षा कवच वाले माननीयों पर ये फैसला लागू नहीं होगा। साथ ही अगर कोई वीआईपी ज़िले में किसी समारोह में शिरकत करने आता है तो उसे पायलट की सुविधा मिलेगी।