किसानों की आय दोगुनी करने की कोई योजना नहीं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने संसद में दिया जवाब

पीएम मोदी दावा कर चुके हैं कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है, मगर संसद में पूछे एक सवाल पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कुछ और जवाब दिया है.

किसानों की आय दोगुनी करने की कोई योजना नहीं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने संसद में दिया जवाब

फाइल फोटो.

खास बातें

  • संसद में सरकार ने कहा- किसानों की आय दोगुनी करने की योजना नहीं
  • सांसदों के सवाल पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का जवाब
  • पीएम मोदी कई रैलियों में कर चुके हैं 2022 तक आय दोगुना करने का दावा
नई दिल्ली:

संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि सरकार की ओर से खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी (Doubling the income of farmers) करने की कोई योजना सरकार नहीं बना रही है. मंत्री का यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे के उलट है, जिसमें उन्होंने 2022 तक किसानों की आय डबल करने की दिशा में सरकार की कोशिशों का हवाला दिया था.हालांकि मंत्री ने यह जरूर कहा कि किसानों की आय बढ़ाने पर जोर देने के लिए कुछ योजनाओं पर जरूर काम हो रहा है. दरअसल, सांसद आर पार्थिपन और  जोएस जॉर्ज ने सरकार से कई सवाल पूछे थे, इसमें सवाल नंबर (क) था-  क्या खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की आय को दोगुना करने की कोई योजना बना रही है ? यदि हां तो ब्यौरा क्या है ? इस पर 18 दिसंबर को दिए लिखित जवाब में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने (क) सवाल के जवाब में उत्तर लिखा- जी नहीं. मतलब किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार कोई योजना नहीं बना रही है. 

मंत्री ने कहा- आय बढ़ाने पर जोर
सांसदों के सवाल पर अपने लिखित जवाब में मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह जरूर कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रोत्साहन और विकास के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय केंद्रीय क्षेत्र की एक स्कीम-प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना को संचालित कर रहा है. पीएमकेएसवाई एक व्यापक पैकेज है, जिसका उद्देश्य अन्य बातों के साथ कृषि उत्पादों की बर्बादी को कम करना और देश में खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाना है. ताकि  कच्ची सामग्री के रूप में कृषि उत्पादों की मांग बढ़ाई जा सके. जिसके जरिए किसानों को कृषि उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकें और वे अपनी आय बढ़ा सकें. 

 

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कई बार पीएम मोदी कर चुके दावा प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के कई मंत्री कई बार किसानों की आय दोगुनी किए जाने पर काम करने का दावा कर चुके हैं. इसी साल जून में किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि यूपीए सरकार के पांच साल की तुलना में कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना 2.12 लाख करोड़ कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि किसानों को लागत का डेढ़ सौ प्रतिशत कीमत दिलाने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा- हमारी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है.  देश में न सिर्फ रिकॉर्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध , फल और सब्जियों का उत्पादन भी  उच्च स्तर पर है. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. पीएम मोदी ने कहा था कि बुवाई से लेकर कृषि उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के साथ किसान भाइयों को कटाई में भी सहायता मुहैया कराना है.

सरकार ने कहा था- बन चुकी है कमेटी

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हालांकि, 20 जुलाई को पीआइबी की ओर एक विज्ञप्ति सरकार ने जारी की थी. जिसमें 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी करने का लक्ष्य तय करने की बात कही गई है. विज्ञप्ति में सरकार की ओर से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अंतर मंत्रालयी समिति गठित करने की सूचना दी गई है. जिसमें राष्ट्रीय वर्षा क्षेत्र प्राधिकरण(National Rainfed Area Authority,) के सीईओ की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी. सरकार ने बताया है कि किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर 13 मसौदैे अब तक कमेटी तैयार कर चुकी है.