नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि रेल बजट को आम बजट से अलग पेश करने की परंपरा बंद करने के संबंध में सरकार ने या नीति आयोग ने कोई प्रस्ताव नहीं किया है।
योजना मंत्रालय और शहरी आवास एवं विकास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मेकापति राजामोहन रेड्डी और आर गोपालकृष्णन के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि रेल बजट को पेश करने की परंपरा को समाप्त करने का नीति आयोग ने कोई प्रस्ताव नहीं किया है।
सरकार की इस मामले पर सदस्यों द्वारा प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीति आयोग के दृष्टिकोण से इसका कोई प्रश्न नहीं उठता। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पिछले दिनों रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अगले वित्तवर्ष से रेल बजट का आम बजट में विलय करने का समर्थन किया था और इस संबंध में उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र भी लिखा था।