डोकलाम में भारतीय सैनिकों की संख्या में कोई भी कटौती नहीं की गई : सूत्र

चीनी दावों के विपरीत, डोकलाम सीमा से भारतीय सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, यहां भारतीय और चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. यह जानकारी सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से एनडीटीवी को मिली है. 

डोकलाम में भारतीय सैनिकों की संख्या में कोई भी कटौती नहीं की गई : सूत्र

चीन द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि डोकलाम से भारत ने अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं

खास बातें

  • 16 जून को शूरू हुआ दोनों देशों के बीच विवाद
  • चीन ने कहा कि भारत ने कम कर दिए हैं सैनिक
  • भारत ने चीन के इन दावों को बताया गलत
नई दिल्ली:

चीनी दावों के विपरीत, डोकलाम में  भारतीय सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है, यहां भारतीय और चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. यह जानकारी सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से एनडीटीवी को मिली है. सैनिकों के कम होने की बात चीन सरकार द्वारा कही गई थी. चीन पहले से ही इस बात पर जोर दे रहा है कि सीमा मुद्दे पर बातचीत से पहले भारत को सिक्कम से अपने सैनिकों की संख्या को कम करना होगा. चीन ने दावा किया था कि डोकलाम से भारत ने अपने सैनिक कम कर लिए हैं.

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15 पृष्ठों के एक दस्तावेज के साथ चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि डोकलाम सीमा पर जहां पहले तकरीबन 2400 भारतीय सैनिक डटे हुए थे, उनकी तादाद घटकर अब महज 40 रह गई है.

उधर, भारत का दावा है कि उसने डोकलाम से अपना कोई भी सैनिक वापस नहीं बुलाया है, जो भी दावे किए जा रहे हैं सरासर गलत हैं. सूत्र बताते हैं कि इस समय वहां लगभग 350-400 सैनिक तैनात हैं. 

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चीन ने भारत पर अपने सैनिकों को चीनी सीमा में भेजने का आरोप लगाया है. चीन के इस आरोप पर भारत ने जवाब दिया कि भारतीय सैनिक भूटान की जमीन पर हैं न कि चीन की सीमा में. 

दरअसल दोनों देशों के बीच विवाद पिछले 16 जून को शुरू हुआ था, जब डोकलाम इलाके में चीन की सड़क बनाने वाली टीम इस इलाके में घुस आई थी. तब भारतीय सैनिकों ने उनका विरोध करते हुए डोकलाम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. यह इलाका भारत को उत्तरपूर्वी राज्यों से जोड़ता है. भारत ने चीन को बताया कि इस इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण भारत की सुरक्षा के लिए एक खतरा है. 

VIDEO: डोकलाम विवाद को लेकर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के पास पहुंचा चीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सैनिकों को वापस बुलाना और फिर बातचीत करना, यह शर्त दोनों देशों के लिए है. जबकि चीन ने वहां से अपने सैनिक बुलाने से इंकार कर दिया था. 

उधर, बुधवार को चीन ने दावा किया कि सड़क निर्माण के बारे में चीन ने भारत को पहले ही सूचित कर दिया था. इसलिए भारत को वहां से अपने सैनिक हटा लेने चाहिए. चीन ने भारत के इस तर्क को खारिज कर दिया है कि भारत, चीन और भूटान के त्रिकोणीय जंक्शन पर सड़क निर्माण भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर कारण है. 
 


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