वेदांता को SC से राहत नहीं, स्टरलाइंट प्लांट खोलने की मांग वाली याचिका खारिज हुई

वेदांता ने अपनी याचिका में लगभग 4 हफ्ते तक ट्रायल के आधार पर प्लांट खोलने का तर्क दिया था लेकिन तूतीकोरिन ग्रामीणों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि वो स्टरलाइट प्लांट को फिर से खोलने का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्लांट को ट्रायल के आधार पर भी नहीं खोलना चाहिए.

वेदांता को SC से राहत नहीं, स्टरलाइंट प्लांट खोलने की मांग वाली याचिका खारिज हुई

तूतीकोरिन के स्टरलाइट प्लांट को लेकर ग्रामीणों का विरोध अब भी जारी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Thoothukudi Sterlite Plant Case : सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रूप से स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट को फिर से खोलने की वेदांता की अंतरिम याचिका खारिज कर दी है. इस केस में जनवरी में विस्तृत सुनवाई होगी. बता दें कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाई के विरोध में पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की मौत के बाद मई 2018 से संयंत्र बंद कर दिया गया है.

तूतीकोरिन ग्रामीणों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि वो स्टरलाइट प्लांट को फिर से खोलने का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्लांट को ट्रायल के आधार पर भी नहीं खोलना चाहिए. उनकी तरफ से दलील दी गई है कि 'इलाके में कुएं सूख गए हैं, पीने का पानी जहरीला हो गया है, कैंसर से लोग प्रभावित हो रहे हैं. यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी कहा है कि इस तरह के संयंत्र को आवासीय क्षेत्र में स्थापित नहीं किया जा सकता. कानून, पर्यावरण के लिए उनको कोई सम्मान नहीं है. तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन सभी वर्षों में कोई कार्य नहीं किया है.'

वेदांता ने अपनी याचिका में लगभग 4 हफ्ते तक ट्रायल के आधार पर प्लांट खोलने का तर्क दिया था. कंपनी ने अदालत को बताया था कि यह भारत की कॉपर की जरूरत का 36% पूरा करता है, लेकिन बंद होने के बाद भारत आयात पर निर्भर है. कंपनी ने यह भी तर्क दिया कि उसके संयंत्र ने 4000 को प्रत्यक्ष रोजगार दिया और 20 लाख लोगों को लाभ मिला, लेकिन इस याचिका का तमिलनाडु सरकार और अन्य लोगों ने विरोध किया था. तमिलनाडु सरकार ने तर्क दिया कि संयंत्र को राज्य द्वारा स्थायी रूप से बंद कर दिया गया था और मद्रास हाईकोर्ट ने निर्णय को बरकरार रखा था कि संयंत्र भूजल को बहुत अधिक नष्ट कर रहा था.

इससे पहले तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. मद्रास हाईकोर्ट की जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश को चुनौती दी गई थी. तमिलनाडु सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

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बता दें कि वेदांता कंपनी के प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाते हुए तूतीकोरिन में लोग सड़कों पर उतरे थे जिसके बाद प्लांट को बंद कर दिया गया था. जस्टिस सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की बेंच ने यह आदेश दिया था.