खास बातें
- पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर का कहना है कि कोलाबा आर्मी स्टेशन के अंदर और आसपास कई ऊंची इमारते हैं। अगर उन इमारतों से कोई खतरा नहीं है तब आदर्श इमारत से भी कोई जोखिम नहीं है।
मुंबई: पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर का कहना है कि कोलाबा आर्मी स्टेशन के अंदर और आसपास कई ऊंची इमारते हैं। अगर उन इमारतों से कोई खतरा नहीं है तब आदर्श इमारत से भी कोई जोखिम नहीं है। आदर्श मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने गुरुवार को अपनी पेशी के दौरान जनरल कपूर ने यह बयान दिया।
जनरल दीपक कपूर का यह बयान रक्षा मंत्रालय के उस दावे पर सवालिया निशान लगाता है जहां उसने आदर्श को सेना के बेस के लिए खतरा माना था। अदालत और कमिशन को दिए अपने हलफनामे मे रक्षा मंत्रालय ने आदर्श को नौसेना और सेना के बेस के लिए बेहद संवेदनशील बताते हुए इसे गिराने का भी प्रस्ताव दिया था।
जनरल कपूर ने यह कहते हुए भी सभी लोगो को चौंका दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि आदर्श इमारत का निर्माण सेना के बेस के करीब हो रहा है।
कमिशन को सामने पेश हुए जनरल दीपक कपूर ने खुद को विवाद से यह कहकर दूर रखने की कोशिश की कि 26 अक्टूबर 2010 को जैसे ही आदर्श मामले ने तूल पकड़ा उन्होंने 30 तारिख को ही अपना फ्लैट सरेंडर कर दिया था।
आदर्श मामले में यह पहला मौका था जब कोई रिटायर्ड सेना प्रमुख कमीशन के सामने पेश हुआ हो। कमीशन के सामने गुरुवार को पेश हुए जनरल दीपक कपूर कमीशन को दिए अपने बयान में कहा कि अपने कार्यकाल में मैं कभी मुंबई में नहीं रहा और आदर्श इमारत में फ्लैट के बारे में जानकारी 2005 में ब्रिगेडियर पीके रामपाल ने दी।’’
गौरतलब है कि रामपाल का नाम भले ही आदर्श घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की एफआईआर में ना हो लेकिन सीबीआई ने रामपाल को अपने 10 हजार पन्नों से भी ज्यादा वाली चाजर्शीट मे आरोपी बनाया है। दीपक कपूर ने कमीशन को बताया कि मेरे पहले सेना के कई आला अधिकारियों ने फ्लैट ले रखे थे जिससे यह लगा की इमारत ने सभी इजाजत ले ली होगी।
जनरल कपूर ने दावा किया कि अपना फ्लैट 2010 मे सरेंडर करने के बाद से अब तक आदर्श सोसाइटी ने उनके पैसे नहीं लौटाए हैं।