यह ख़बर 03 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

प्रशांत, केजरीवाल को विशेषाधिकार हनन का नोटिस

खास बातें

  • संसद ने शनिवार को अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगियों प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा।
नई दिल्ली:

प्रभावी लोकपाल के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन के दौरान रामलीला मैदान के मंच से सांसदों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान देने पर संसद ने शनिवार को अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगियों प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक कार्यकर्ता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, "विशेषाधिकार हनन का यह नोटिस केजरीवाल के गाजियाबाद स्थित आवास पर स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया। उन्होंने अभी नोटिस को देखा नहीं है।" इस पर टिप्पणी के लिए केजरीवाल से सम्पर्क नहीं हो सका। उधर, प्रशांत भूषण ने कहा, "यदि सच बोलने या जनहित में अपने विचार रखने को संसद द्वारा या उसके सदस्यों द्वारा विशेषाधिकार हनन माना जाता है, तो मैं समझता हूं कि इसकी फिर से समीक्षा करने का समय आ गया है कि संसदीय विशेषाधिकार क्या हैं।" भूषण ने कहा कि उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस प्राप्त हुआ है लेकिन वह अपने बयान पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा, "जिस विशेषाधिकार के तहत सांसद उस व्यक्ति के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे सकते हैं, जो केवल उन बातों को रेखांकित कर रहा है या उस पर टिप्पणी कर रहा है, जिसे वे कहते हैं, उसका फिर से समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।" प्रशांत भूषण को उनकी उस टिप्पणी के लिए नोटिस दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधेयक पारित कराने के लिए रिश्वत लेते हैं। भूषण को 14 सितम्बर तक जवाब देने को कहा गया है। प्रशांत भूषण ने कहा, "मुझे नोटिस मिला है और मैं उसका जवाब दूंगा। मैं अपने बयान पर कायम हूं और नहीं समझता कि इससे विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।" रामलीला मैदान में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन के दौरान कानून-व्यवस्था के कथित उल्लंघन को लेकर पुलिस द्वारा प्राथिमिकी दर्ज किए जाने के बारे में पूछने पर भूषण ने कहा कि रामलीला मैदान का आयोजन पुलिस और आयोजकों के बीच सहयोग का एक नमूना था, जहां अन्ना हजारे ने 16 से 28 अगस्त तक अनशन किया था। भूषण ने कहा, "रामलीला मैदान में इस आयोजन की पूरी अवधि तक आयोजकों ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि किसी तरह की हिंसा न हो और जनता को कम से कम असुविधा हो।" सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि इसके लिए पुलिस का स्वागत है कि वह उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे और वह उसका जवाब देंगे। ज्ञात हो कि अन्ना की एक अन्य प्रमुख सहयोगी, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भी सांसदों के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का सामना कर रही हैं। रामलीला मैदान में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बेदी ने आरोप लगाया था कि राजनीतिज्ञ एकसाथ कई मुखौटे लगाए रहते हैं। बेदी ने शुक्रवार को कहा कि वह सांसदों के खिलाफ दिए गए अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगी। सांसदों ने बेदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। बेदी ने कहा, "मैंने जो कहा है उस पर मैं कायम रहूंगी। यदि मुझे नोटिस मिलता है तो मैं उनसे माफी नहीं मांगूगी। अफसोस जताने के बदले मैं इन सांसदों को आईना दिखाऊंगी।" उन्होंने कहा, "सच्चाई बताने की जरूरत है और मैंने जो कहा है उस पर कायम रहूंगी। आपको जानना चाहिए कि संसद में क्या हो रहा है। राजस्थान विधानसभा में चप्पल चला है।" ज्ञात हो कि रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन के दौरान बेदी ने अपने चेहरे पर स्कार्फ लपेट कर सांसदों पर आरोप लगाया कि अपना असली चेहरा छिपाने के लिए उनके कई चेहरे होते हैं।


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