यह ख़बर 05 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

किसानों की कर्ज माफी पर कैग के सवाल, हकदारों को नहीं मिला फायदा

खास बातें

  • किसानों की कर्ज माफी योजना के अमल पर सरकार घिर गई है। सीएजी की रिपोर्ट में किसानों को कर्ज माफी में दिए गए 52 हजार करोड़ रुपये में भारी गड़बड़ियों की बात कही गई है।
नई दिल्ली:

किसानों की कर्ज माफी योजना के अमल पर सरकार घिर गई है। 2008 में किसानों की कर्ज माफी के ऑडिट में सीएजी ने भारी गड़बड़ियों का खुलासा किया है।

सीएजी की रिपोर्ट में किसानों को कर्ज माफी में दिए गए 52 हजार करोड़ रुपये में भारी गड़बड़ियों की बात कही गई है। कहा गया है कि कर्ज के सही हकदारों की ठीक से पहचान नहीं की गई और जिन्हें यह फायदा नहीं मिलनी चाहिए था, उनको भी पैसे दिए गए। ऐसा करने में कई नियमों का उल्लंघन किया गया।

इस पर बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पूरे मामले को गंभारती से लेते हुए मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

गौरतलब है कि सरकार ने 2008 में किसान कर्ज माफी योजना का ऐलान किया था। कर्ज माफी के लिए 52 हजार करोड़ रुपये दिए गए। बैंकों को ठीक वक्त नहीं मिला, सही लोगों की पहचान नहीं हो पाई। नौ राज्यों में 1257 यानी 13.46 % सही खातों को लाभ नहीं मिला।

जिन 80277 खातों को फायदा मिला, उनमें 8.5 फीसदी इसके लायक नहीं थे। 20.50 करोड़ रुपये ऐसे लोगों को मिले, जो इसके योग्य नहीं थे।

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एक निजी बैंक को नियमों के खिलाफ 164.40 करोड़ रुपये मिले। 2824 मामलों में रिकॉर्डों से छेड़छाड़ के सबूत हैं। 22 फीसदी मामलों में योजना को लागू करने के बारे में गंभीर चिंता। योजना की निगरानी भी खामियों से भरपूर थी। 34 फीसदी मामलों में किसानों को कर्ज माफी का सर्टिफिकेट नहीं मिले।