अब ओम पुरी बोले, किसी और देश में होता तो मेरे हाथ और सिर कटवा दिए गए होते

अब ओम पुरी बोले, किसी और देश में होता तो मेरे हाथ और सिर कटवा दिए गए होते

बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी

खास बातें

  • एक टीवी चेनल की डिबेट में ओम पुरी ने किया था शहीद का अपमान
  • अपमान करने के बाद शहीद के घर माफी मांगने पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता
  • शहीद के परिजनों ने किया माफ, बनाया पारिवारिक सदस्य
इटावा:

बारामूला आतंकी हमले में इटावा के शहीद बीएसएफ जवान नितिन यादव के खिलाफ एक टीवी चैनल की डिबेट में अभद्र टिप्पणी करने के बाद लगातार लोगों के गुस्से का शिकार होते जा रहे फिल्म अभिनेता ओम पुरी मंगलवार को शहीद के घर पश्चाताप के आंसू और मन की शांति के लिए यज्ञ करने पहुंचे.

उन्होंने कहा कि किसी और देश में होता तो मेरे हाथ पैर काट दिए गए होते. उनके माफीनामे के बाद शहीद के घर वालों ने ओम पुरी का माफ कर दिया.

उल्लेखनीय है कि बारामूला आतंकी हमले में शहीद नितिन यादव 2 अक्टूबर को पाकिस्तान की ओर से अचानक की गई गोलीबारी में शहीद हो गए थे. उस दिन एक टीवी चैनल की डिबेट में बॉलीवुड और हॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता ओम पुरी ने कहा था कि शहीद जवान को किसने कहा था फ़ौज में भर्ती होकर गोली खाने के लिए... इस बात को लेकर ओम पुरी के खिलाफ देश के लोगों में काफी गुस्सा था.

इसी बात को लेकर ओम पुरी अपने आंखों में पश्चाताप के आंसू भरकर शहीद नितिन यादव के घर पहुंचे थे.  गांव में उन्होंने शहीद जवान के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके समाधि स्थल पर भी गए.

अपने आर्य समाज के विद्वान मित्र के कहने पर आज ओमपुरी अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर हवन भी किया. उन्होंने सैकड़ों लोगों की भीड़ के सामने शहीद के पिता को गले लगाया और ऐसे समय ओमपुरी खूब रोए. ओमपुरी ने शहीद के पिता के सामने पारिवारिक सदस्य बनाने का अनुरोध किया जिसे स्वीकार कर लिया गया और ओमपुरी को माफ़ भी कर दिया.

ओमपुरी ने कहा, 'मैंने बहस के दौरान जो शहीद का अपमान किया था वो मेरे दिल का नहीं था. लेकिन उस दिन से मेरा दिल विचलित था अगर किसी और देश में होता तो मेरे हाथ और सिर कटवा दिया गया होता, चूंकि अपने देश में ऐसा कानून नहीं है, इसलिए मैंने अपने एक आर्य समाज के विद्वान मित्र के कहने पर गांव आकर पश्चाताप और मन की शांति के लिए यज्ञ करने का निर्णय किया और मैं यहां आया."

शहीद के परिजन जेराम सिंह यादव ने कहा, कि ओमपुरी जी आज हमारे घर पश्चाताप करने और मन की शांति के लिए यज्ञ करने आये थे और माफ़ी मांगने के लिए, हम लोगों ने उनको पारिवारिक सदस्य मानते हुए माफ़ कर दिया है."


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