यह ख़बर 06 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली में महिलाएं रोकेंगी बिजली चोरी

नई दिल्ली:

दिल्ली के बिजली चोरों को अब महिलाएं पकड़ेंगी। बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी बीएसईएस ने नए छापामार दस्ते बनाए हैं, जिसकी कमान तेज तर्रार महिलाओं के हाथ में होगी। यही छापामार दस्ता अब दिल्ली में बिजली चोरों पर बड़ी कार्रवाई करेगा।

हालांकि इस दस्ते में दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा महिला कॉस्टेबल भी साथ होंगी। यही नहीं, बिजली कंपनी ने बाकायदा एक रिसर्च करके पता किया है कि किस इलाके में सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती है।

जानकारों का कहना है कि बिजली चोरी पकड़ने वाले दस्ते से आए दिन मारपीट और गाली गलौज होती है। इसी के चलते इन महिलाओं को बाकायदा इन परिस्थितियों की ट्रेंनिंग देने के बाद इन्हें बिजली चोरी पकड़ने भेजा जाएगा।

दरियागंज और द्वारका में सबसे ज्यादा बिजली चोरी
बीएसईएस कंपनी का कहना है कि दरियागंज में 80 फीसदी बिजली चोरी हो रही है। दरियागंज में हौजकाजी, शकूर की डांडी, माता संदुरी डीडीए फ्लैट्स, अन्ना नगर जैसों इलाकों में बिजली चोरी रोकने के लिए छह टीम बनाई गई है।

इन टीमों का नेतृत्व महिलाएं ही करेंगी। इसके अलावा द्वारका इलाके में ककरोला, मटियाला, मधु विहार, माताराम पार्क, नसीरपुर गांव में भी 50 से ज्यादा बिजली चोरी हो रही है। यहां भी इस तरह की छापेमारी बिजली चोरी रोकने के लिए होगी।

बिजली चोरी रोकने वाले दस्तों की कमान करने वाली महिलाओं पर 156 करोड़ रुपये की बिजली चोरी रोकने का लक्ष्य है। बिजली कंपनी का कहना है कि अगर इन इलाकों में बिजली चोरी रुक जाए तो उससे इतने पैसों की बिजली की बचत हो सकती है।

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दिल्ली में बिजली कंपनियां अपने को घाटे में बताकर हर साल बिजली के दाम बढ़ाने की मांग करती है, लेकिन जानकार कहते हैं कि बिजली कंपनियां अगर अपना ट्रांसमीशन घाटा 17 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी पर ले आए तो उसे 1200 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।  इससे हर साल बिजली के बिल नहीं बढ़ने पाएंगे।