असम में जारी हुआ एनआरसी लिस्ट
असम में नागरिकों की अंतिम सूची (NRC) आज सुबह 10 बजे ऑनलाइन प्रकाशित कर दी गई है. किसी भी शख्स को भारतीय या गैर-भारतीय बताने वाली पहली सूची प्रकाशित होने के एक साल बाद आने वाली इस सूची में 41 लाख से ज़्यादा लोगों के नाम दर्ज नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट देने के बाद अंतिम NRC सूची की घोषणा सबसे बड़ा घटनाक्रम है. बता दें कि गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया था कि, "सूची सुबह 10 बजे तक ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी और जिनके पास इंटरनेट नहीं है, वे राज्य सरकार द्वारा स्थापित किए गए सेवा केंद्रों में जाकर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं...". इस सूची को लेकर केंद्र सरकार भी कह चुकी है कि जिन लोगों के नाम अंतिम NRC में दर्ज नहीं होंगे, उन्हें तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक सभी कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं किए जाते. NRC में दर्ज नहीं होने वाला हर शख्स विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है, और अपील करने की डेडलाइन को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है. गौरतलब है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पहली बार 1951 में प्रकाशित किया गया था, और अब उसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अपडेट किया गया है, ताकि असम में रह रहे भारतीय नागरिकों और उन लोगों को अलग-अलग किया जा सके, जो मार्च 25, 1971 के बाद गैरकानूनी तरीके बांग्लादेश से भारत में घुसे.
NRC List Live Updates:
इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कोई दावा नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग इससे सहमत नही हैं वे ट्रिब्युनल में अपील कर सकते हैं. सुरक्षा के मद्देनज़र राज्य के कई इलाक़ों में धारा 144 भी लगाई गई है. जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं होंगे उनकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है.
एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला ने बताया कि 3,11,21,004 लोगों को लिस्ट में शामिल किया गया है, जबिक 19,06,657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं दी गई है.
कड़ी सुरक्षा के इंतजाम के तहत असम में NRC की लिस्ट जारी हुई. करीब 41 लाख लोगों पर फैसला आना है.
असम में नागरिकों की अंतिम सूची (NRC) आज सुबह 10 बजे ऑनलाइन प्रकाशित कर दी जाएगी. किसी भी शख्स को भारतीय या गैर-भारतीय बताने वाली पहली सूची प्रकाशित होने के एक साल बाद आने वाली इस सूची में 41 लाख से ज़्यादा लोगों के नाम दर्ज नहीं हैं.