एनआरआई लोगों को मिला वोट का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया आठ हफ्तों का वक्त

नई दिल्ली:

एनआरआई को वोट डालने का अधिकार मिलेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उसे चुनाव आयोग की वह सिफारिश मंजूर है जिसमें एनआरआई को वोट का अधिकार देने की बात कही गई है। अब आने वाले कुछ दिनों में एक करोड़ से ज्यादा एनआरआई देश में चुनाव के दौरान वोट कर सकेंगे।

आबू धाबी में रहने वाले शमशीर वीपी कुछ वक्त बाद केरल में वोट डाल सकेंगे। एनआरआई को वोटिंग के अधिकार के लिएलंबे अर्से से वह सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे थे।

अब सरकार ने कोर्ट में मान लिया है कि वह इसके लिए तैयार है। यानि अब देश में होने वाले चुनाव में एनआरआई अहम भूमिका अदा करेंगे। शमशीर वीपी जो कि याचिकाकर्ता एनआरआई हैं, उनका कहना है कि ये एक बड़ी जीत है।

सरकारी आकड़ों के मुताबिक कुल एक करोड़ 37 हजार एनआरआई हैं जिंनमें यूएई में  17 लाख 50 हजार यूके में 15 लाख अमेरिका में नौ लाख 27 हजार सऊदी अरब में 17 लाख 89 हजार ऑस्ट्रेलिया में दो लाख 13 हजार और कनाड़ा में दो लाख एनआरआई हैं।

दरअसल, चुनाव आयोग की कमेटी ने एनआरआई को वोट डालने के लिए ई-पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की सिफारिश की है। यानि उन्हें ई बैलेट दिया जाए और वो बाद में पोस्ट से इसे वापस भेजे। इसके लिये सभी एनआरआई अपने दूतावास में रजिस्टर कराए।

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फिलहाल सरकार ने कहा है कि इस प्रक्रिया में कुछ वक्त लगेगा क्योंकि इसके लिये मौजूदा कानून में बदलाव से लेकर विदेश मंत्रालय से विचार संबंधी कदम उठाए जाने हैं और इसे लागू किया जाये इसके लिये एक कमेटी बना दी गई है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आठ हफ्तों का वक्त दिया है।