नर्सिंग छात्रा का रैगिंग मामला : तीन सीनियर हत्‍या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार

नर्सिंग छात्रा का रैगिंग मामला : तीन सीनियर हत्‍या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार

कोझिकोड:

कर्नाटक नर्सिंग कॉलेज की एक 18 वर्षीय छात्रा को फिनाइल पीने के लिए मजबूर किए जाने की घटना के एक महीने बाद उसकी तीन सीनियर्स को रैगिंग के अलावा हत्‍या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। फिनाइल पीने से छात्रा के आतंरिक अंग जल गए।

शुक्रवार शाम कर्नाटक में पूछताछ के बाद तीनों सीनियर्स को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही अल कमर कॉलेज ऑफ नर्सिंग के खिलाफ भी लापरवाही बरतने और पुलिस को सूचना न देने का मामला दर्ज किया गया है।

कलबुर्गी के पुलिस अधीक्षक शशि कुमार ने NDTV से कहा कि 'तीनों सीनियर्स केरल से कलबुर्गी स्थित कॉलेज हॉस्‍टल आए थे। पुलिस ने समन जारी करने के बाद उनसे पूछताछ की। उन्‍होंने कुछ अपराध स्‍वीकरण किया था और पुलिस के पास कुछ सबूत थे, जिनके आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई।'

प्रथम वर्ष की पीड़ित दलित छात्रा केरल के अस्‍पताल में है। वह कुछ खा-पी भी नहीं पा रही है।

एक पुलिस शिकायत में पीड़िता ने आठ में से पांच सीनियर्स का नाम लिया था, जिन्‍होंने 9 मई को उसे कथित तौर पर फिनाइल पीने के लिए मजबूर किया था। शिकायत में छात्रा ने बताया था कि 'आरोपी सीनियरों ने उससे कहा था कि जाओ और इसे पीकर मर जाओ। मैंने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्‍होंने मुझे दोबारा पकड़ लिया और फिनाइल पीने के लिए मजबूर किया।'

फिनाइल पीने के बाद छात्रा दर्द के चलते नीचे गिर गई और उसके दोस्‍तों ने उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया। उसे पहले कर्नाटक में अस्‍पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत बेहद बिगड़ गई, जिसके बाद छात्रा को उसे गृह राज्‍य केरल ले जाया गया।

डॉक्‍टरों का कहना है कि 'उसे बड़ी सर्जरी की जरूरत है, क्‍योंकि कैमिकल ने उसकी खाद्य नली को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्‍त कर दिया है। रसायन से गले और पेट के बीच जलने के चलते छात्रा को ठीक होने में करीब चार महीने का समय लग सकता है।'

छात्रा ने पांच माह पहले ही नर्सिंग कॉलेज को ज्‍वाइन किया था और उसका आरोप है कि उसे तभी से परेशान किया जा रहा था। छात्रा का यह भी आरोप है कि कॉलेज में काफी रैगिंग की जाती है और कॉलेज प्रशासन की तरफ से पिछले मामलों में भी किसी आरोपी को दंडित नहीं किया गया। छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है।

पीड़िता की मां, जोकि एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए तीन लाख रुपये का लोन लिया था। उसकी मां ने NDTV से कहा कि 'वह (उनकी बेटी) वास्‍तव में पढ़ना चाहती थी, इसलिए मैंने ऋण लिया। मेरे पति के जाने के बाद मैंने अपनी बेटियों को पाला है। '

वह रोते हुए कहती हैं, 'मुझे पता नहीं था कि वह ऐसे हालातों से गुजर रही है। मेरे साथ जो कुछ हुआ, ऐसा किसी और मां के साथ न हो।'


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