इशरत केस : अफसर प्रसाद ने फोन पर गवाह को समझाया 'आपको कहना है..आपने यह पेपर नहीं देखा'

इशरत केस : अफसर प्रसाद ने फोन पर गवाह को समझाया 'आपको कहना है..आपने यह पेपर नहीं देखा'

इशरत जहां, जून 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारी गई थी

नई दिल्ली:

इशरत जहां मामले की फ़ाइल ग़ायब होने की जांच में बड़ी धांधली का ख़ुलासा हुआ है। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने जांच समिति के मुखिया बीके प्रसाद और मामले के गवाह अशोक कुमार के बीच की बातचीत का ऑडियो जारी किया है जिसमें बीके प्रसाद कथित तौर पर गवाह को जांच से जुड़े सवाल और उसके जवाब बताते हुए सुने जा रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय का बयान आया है कि दोनों अफसरों ने ऐसी किसी भी बातचीत के होने से इंकार किया है।

चिदंबरम ने एक बयान में कहा कि समाचार रिपोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर दो हलफनामों पर राजग सरकार द्वारा पैदा किए गए ‘फर्जी विवाद को व्यापक रूप से उजागर’ कर दिया है।

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सुनिए प्रसाद की फोन पर बातचीत
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अख़बार के मुताबिक बीके प्रसाद इस रिकॉर्डिंग में अशोक कुमार को बता रहे हैं कि उनसे क्या सवाल पूछे जाएंगे और उन्हें किस तरह उन सवालों का जवाब देना है। जारी किए गए ऑडियो के मुताबिक प्रसाद फोन पर गवाह को ट्यूट(सीखा) रहे हैं कि 'मेरे को यह पूछना है कि आपने ये पेपर देखा? आपको कहना है कि मैंने यह पेपर नहीं देखा...सीधी से बात है।'

बातचीत में सिर्फ सवाल समझाए गए
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि जांच के दौरान कई अफ़सरों से उनकी फ़ोन पर बात हुई है और अफसर ही उनसे पूछते थे कि किस तरह के सवाल होंगे। प्रसाद के मुताबिक जिनसे पूछताछ हुई है वह सभी सीनियर अफसर हैं और सभी अफसर जवाब देने में सक्षम हैं। समिति के मुखिया का कहना है कि रिकॉर्ड बातचीत में सिर्फ सवाल समझाया जा रहा था और उन्होंने उचित, निष्पक्ष जांच की है, यही नहीं गवाहों पर किसी तरह का दबाव भी नहीं था।

इन सबके बीच बीके प्रसाद ने गृह मंत्रालय को जांच की रिपोर्ट पेश की है जिसके मुताबिक इशरत जहां मामले से जुड़े दस्तावेज़, तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल में गायब हो गए थे। हालांकि जांच में इस गलती की किसी पर भी जिम्मेदारी नहीं डाली गई है और सिर्फ यह कहा गया है कि कागज़ात 'गलत जगह' रखे गए हैं या 'हटा' दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अब इस मामले पर सरकार सीबीआई जांच के आदेश दे सकती है। अतिरिक्त सचिव बीके प्रसाद की अगुवाई में हुई इस जांच की 52 पेज रिपोर्ट, आज केंद्रीय गृह सचिव के सामने पेश कर दी गई है।


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