मात्र एक चिट्ठी पर अफसरों को वापस असम भेजने में जुटा केंद्र

मात्र एक चिट्ठी पर अफसरों को वापस असम भेजने में जुटा केंद्र

गृहमंत्रालय (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

असम सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिख कर उसके अफ़सरों को वापस भेजने की मांग की है. केंद्र ने भी राज्य सरकार की मांग पर  छह आईपीएस अफ़सरों को वापस असम भेजने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक़ असम सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उसके अफ़सर उसे वापिस भेज दिया जाएं, क्योंकि उसे प्रशासनिक काम करने के लिए अफ़सरों की ज़रुरत पड़ रही है. गृह मंत्रालय ने चिट्ठी मिलने के बाद कुछ अफ़सरों का बोरिया-बिस्तर बांधना शुरू भी कर दिया है. राज्य सरकार ने जिन अफ़सरों को वापस मांगा है उसमें पांच आईजी रैंक के हैं और एक डीआईजी है.

गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, संयुक्त आयुक्त हरमीत सिंह, जो श्रीनगर में एसआईबी के प्रमुख हैं और अनुराग तनखा जोकि एनआईए में आईजी हैं, उनके तबादले के आदेश पर सरकार से दस्तख़त कर दिए हैं और दोनों अफसरों को इनके विभागों ने रिलीव भी कर दिया है.

एक अन्य अफसर दीपक चौधरी, आईबी जम्मू में डीडी है, उन्हें रोक लिया गया है. मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि उनकी पोस्ट संवेदशील है इसलिए उन्हें रोक लिया गया. जबकि आईजी दीपक कुमार इसीलिए वापस नहीं जा सकते क्योंकि वे एनडीसी में हैं और कोर्स कर रहे हैं. इसीलिए उन्हें भी रिलीव नहीं किया जा सकता.

असम सरकार ने सीबीआई के (आईजी ) एवाईजी कृष्णा को भी वापस बुलाया है लेकिन वे हैदराबाद में तैनात हैं. इसीलिए सीबीआई से पूछा गया है कि उन्हें रिलीव किया जाए या नहीं. आईजी एसपीजी मुन्ना गुप्ता, जोकि एसपीजी में तैनात हैं, उनके बारे में भी एसपीजी को लिखा गया है.

हालांकि मंत्रालय का कहना है कि अक्सर राज्य सरकारें अपने अफ़सरों को वापस बुलाने के लिए मंत्रालय को लिखती रहती हैं लेकिन अफसरों के विभागों पर होता है कि वे उन्हें रिलीव करें या ना करें.

 


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