बीफ पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की राय, 'लोग जो खाना चाहें, खाने दें'

बीफ पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की राय, 'लोग जो खाना चाहें, खाने दें'

नई दिल्ली:

भारत एक लोकतांत्रिक देश है और अगर यहां के लोग बीफ खाना चाहते हैं तो उन्हें खाने देना चाहिए। ये बयान किसी विपक्षी पार्टी का नहीं, बल्कि बड़े प्रशासनिक अधिकारी और नीति आयोग के सीईओ व प्रधानमंत्री के पॉलिसी थिंक टैंक अमिताभ कांत ने मंगलवार को कही।

एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर 2015 में सर्वश्रेष्ट प्रशासक का अवॉर्ड पाने वाले अमिताभ कांत ने कहा, लोग जो कुछ कहना चाहते हैं उन्हें बोलने देना चाहिए। लोग जो कुछ खाना चाहते हैं उन्हें खाने दें। इसके बाद जब उन्हें सामने से सवाल किया गया कि क्या बीफ खाने की भी आजादी होनी चाहिए? उन्होंने कहा, 'बिल्कुल! चुनाव की आजादी होनी चाहिए। मैं ये सब तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं, मैं केरल कैडर से आता हूं। मेरे एक पड़ोसी नायर थे, मेरे दूसरे पड़ोसी एक ब्राह्मण थे और वे सब बीफ खाते थे।'

अमिताभ कांत केरल कैडर के आईएएस अफसर हैं और वे सरकार की कई बड़ी योजनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें से एक अतुल्य भारत भी है। इसके अलावा वे हाल ही में लॉन्च स्टार्टअप इंडिया से भी जुड़े हुए हैं, जो भारत में नए उद्योगों और उद्यमियों को बढ़ावा देने की योजना है। अमिताभ औद्योगिक संवर्धन और नीति विभाग के सचिव हैं।

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अमिताभ ने बताया कि केरल में वे सब बीफ खाते हुए ही बड़े हुए हैं। उन्होंने आमिर खान के बयान पर मचे बवाल पर भी बात करते हुए कहा, 'अतुल्य भारत के ब्रांड अम्बेस्डर के अलावा हर किसी को कुछ भी कहने का हक है।' आमिर खान के उस विवादास्पद बयान पर हाल ही में अमिताभ कांत ने कहा था कि उनके उस बयान से अतुल्य भारत ब्रांड को नुकसान पहुंचा, जिस समय आमिर ने वो बयान दिया उस समय वे ब्रांड अम्बेस्डर थे।