नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के शकूर बस्ती स्थित स्लम एरिया में कल रेलवे पुलिस द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 500 झुग्गियों को गिरा दिया गया। आरोप है कि इस कार्रवाई के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई।
यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि बिना कोई पूर्व आश्रय और नोटिस दिए उनके घरों को तोड़ दिया गया, जिसके चलते वे ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। उनका दावा है कि जब झुग्गियों पर बुल्डोजर चलाया जा रहा था तब लकड़ी का एक टुकड़ा बच्ची पर आ गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई।
अनवर ने इस घटना में अपनी बच्ची को खोया तो हजारों लोगों ने अपने सिर की कच्ची-पक्की छत। कड़ाके की सर्दी में कई लोग बीमार हो गए। बच्चे खाने और पानी को तरसते दिखे।
रेलवे की सफ़ाई है कि जिस ज़मीन पर झुग्गियां हैं, वहां नया यात्री टमिर्नल बनना है। लोगों को 9 महीने से लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन किसी ने भी ज़मीन खाली नहीं की। रेलवे का ये भी दावा है कि बच्ची की मौत सुबह 10 बजे हुई, जबकि अतिक्रमण के ख़िलाफ़ कार्रवाई दोपहर 12 बजे हुई। नॉर्दन रेलवे के डीआरएम अरूण अरोड़ा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का भी साफ आदेश है कि रेलवे लाइन या उसके आसपास किसी तरह की गंदगी या मलबा नहीं होना चाहिए। रेलवे ने बयान में भी कहा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई थी।
इस बीच मामले पर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि पूरे दिन अतिक्रमण चलता रहा तब केजरीवाल को इन लोगों की याद नहीं आई। वहीं, बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि केजरीवाल को कम से कम बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि अतिक्रमण हटाने से पहले बच्चे के घरवाले अपना सामान उठा रहे थे। इसी दौरान गलती से सामान की एक गठरी बच्ची के ऊपर रख दी, जिससे बच्ची का दम घुटा और उसकी मौत हो गई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी देर रात मौका स्थल का मुआयना किया और घटना की निंदा भी की। घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दो एसडीएम समेत तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।
केजरीवाल ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी इस मुद्दे पर बात की। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में बताया कि रेल मंत्री ख़ुद इस कार्रवाई से बेख़बर थे। वो भी इस घटना से सदमे में हैं।