मौनी अमावस्या पर एक करोड़ लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी

मौनी अमावस्या के मौके पर इलाहाबाद में संगम पर इकट्ठा लोग (फोटो- PTI)

इलाहाबाद:

मौनी अमावस्या के मौके पर इलाहबाद में संगम पर एक करोड़ से ज़्यादा लोगों ने डुबकी लगाई। स्नान का मूहुर्त सोमवार रात 9.17 बजे से शुरू हुआ और मंगलवार शाम 7.30 तक चला।

धर्म गुरुओं के मुताबिक़, स्नान का यह योग 122 साल बाद आया है, जब मकर राशि में सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्रमा एक साथ हैं और उन पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही है। ऐसे मुहूर्त में स्नान करने से कुंभ में स्नान करने का पुण्य हासिल होता है।

स्नान की सुरक्षा के लिए बहुत बड़े पैमाने पर पुलिस, पीएसी, आर एऍफ़ और ख़ुफ़िया एजेंसियों के लोग बड़ी तादाद में तैनात थे।

इलाहबाद में संगम किनारे माघ मेला चल रहा है। यह 5 जनवरी से शुरू हुआ है और 17 फ़रवरी तक चलेगा। यह माघ मेले का तीसरा और सबसे बड़ा स्नान था। अभी तीन स्नान बाक़ी हैं जो बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और शिवरात्रि के मौके पर होंगे।

माघ मेले में संगम के किनारे क़रीब एक लाख लोग कल्पवास कर रहे हैं। कल्पवासियों के लिए गंगा के किनारे एक बड़ी टेंट कॉलोनी बसी हुई है। ऐसी मान्यता है की कल्पवास करने से मोक्ष हासिल होता है।

हिन्दू मान्यता के मुताबिक़, 84 लाख योनियां हैं, जिनमें बार-बार जन्म होता है। यह वे लोग हैं जो तकलीफों और फरेबों से भरी दुनिया में जो बार-बार नहीं आना चाहते। इसलिए मोक्ष की चाहत में कल्पवास करते हैं।  

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मौनी अमावस्या के मौके पर पूरे मेला क्षेत्र को चार जोन में बांटा गया था। हर जोन के लिए खास सुरक्षा इंतेज़ाम थे। पूरे मेला एरिया में सीसीटीवी लगे हुए हैं, जिन्हें एक कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जा रहा है। इसके ज़रिये पूरे मेला एरिया पर पुलिस की नज़र बानी हुई हैं। हर जोन में एक-एक अस्पताल और तमाम हेल्थ कैंप लगाये गए हैं। फायर ब्रिगेड स्टेशन बने हुए हैं और मोटर साइकिल से भी आग बुझाने का इंतज़ाम है।