यह ख़बर 29 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

वित्त विधेयक पारित, संसद की कार्यवाही 2 मई तक स्थगित

खास बातें

  • लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली:

लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है।

भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।

सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"

लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।

संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।

लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।

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भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।