वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की फाइल फोटो
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों से बढ़ते प्रदूषण के मसले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट एक्शन में है। हालांकि गाड़ियों की उम्र को लेकर फिलहाल गाड़ियों पर 1 मई तक कार्रवाई टली हुई है, लेकिन ओवरलोडिंग का मसला हो या फिर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की बात, इन दोनों के मद्देनजर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की कार्रवाई जारी है। खास तौर पर इस डिपार्टमेंट की निगाहें ट्रकों पर टिकी हैं।
दिल्ली में कुल 23 एंट्री प्वाइंट हैं, जहां से दूसरे राज्यों की गाड़ी राजधानी में दाखिल होती हैं। दिल्ली परिवहन विभाग के कर्मचारियों की कमी है जिसके चलते महज 7 टीमें ही अलग अलग एंट्री प्वाइंट पर तैनात रहती हैं। इन 7 टीमों ने 13 अप्रैल से अब तक 264 ट्रकों को चेक किया, जिसमें 250 का प्रदूषण स्तर तय मात्रा के मुताबिक था जबकि 14 ट्रक इस चेकिंग के दौरान फेल हो गए।
इसके अलावा 22 ऐसे ट्रक ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के हत्थे चढ़े जिनके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानी PUC सर्टिफिकेट ही नहीं था।
वहीं ओवरलोडिंग को लेकर पिछले साल दिसंबर से ही कार्रवाई शुरू की गई और 5 दिसंबर से 20 अप्रैल तक 2689 ऐसे ट्रक जब्त किए गए जो ओवरलोडेड थे। वहीं एनजीटी की सख्ती के बाद पिछले एक हफ्ते में ही दिल्ली परिवहन विभाग को 120 ट्रक ओवरलोडेड मिले।
उत्तरप्रदेश सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के आंकेड़े की मानें तो हफ्ते भर में 121 ट्रक ओवरलोडिंग के चलते जब्त किए जा चुके है।