यह ख़बर 24 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'पीएसी को जांच करने का संवैधानिक अधिकार'

खास बातें

  • जोशी ने कहा, 2जी मामले में PAC उस समय से जांच कर रही है जब JPC का गठन या कैग की रिपोर्ट में पेश नहीं की गई थी।
नई दिल्ली:

2जी मामले में पीएसी के अपने दायरे से बाहर जाने और इस विषय पर खींचतान से बचने के संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: अध्यक्ष पीसी चाको के सुझाव को एक तरह से खारिज करते हुए लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को कहा कि कोई कुछ भी चाहे लेकिन पीएसी को जनता के धन के खर्च की जांच करने का संवैधानिक अधिकार है। जोशी ने संवाददाताओं से कहा, जेपीसी और पीएसी के अधिकार स्पष्ट हैं। 2जी मामले में पीएसी उस समय से जांच कर रही है जब जेपीसी का गठन या कैग की रिपोर्ट में पेश नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि जेपीसी को 1998 से 2009 तक स्पेक्ट्रम से जुड़ी नीति और इसके अनुपालन में विभिन्न सरकारों की ओर से बरती गई खामियों की जांच कर नियत समयसीमा में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। जबकि पीएसी को जनता के धन के खर्च से जुड़े विषय और वित्तीय अनियमितता की जांच करने का वैधानिक और संवैधानिक अधिकार है। समानान्तर जांच से बचने के चाको आग्रह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कोई कुछ भी चाह सकता है लेकिन हम ऐसा नहीं मानते। हमें इस मामले में जांच का संवैधानिक अधिकार है। यह पूछे जाने पर कि पीएसी की ओर से प्रधानमंत्री को बुलाने का मामला क्या ठंडे बस्ते में चला गया, जोशी ने कहा, हमारे यहां कोई भी विषय ठंडे बस्ते में नहीं जाता और न ही समाप्त होता है। समिति अगर आमसहमति से चाहेगी तब ऐसा जरूर होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या राडिया टेप से जुड़े कुछ खास पत्रकारों को नहीं बुलाने का पीएसी पर दबाव है, जोशी ने कहा, हमारे उपर कोई दबाव नहीं है। समिति जब जिसको बुलाने की जरूरत समझेगी तब ऐसा किया जायेगा। गौरतलब है कि 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में लोक लेखा समिति :पीएसी: द्वारा विभिन्न पक्ष के लोगों से पूछताछ किये जाने से नाखुश नवगठित जेपीसी के अध्यक्ष चाको ने कुछ दिन पहले कहा था कि पीएसी अपने दायरे से बाहर गई है और इस विषय में खींचतान से बचा जाना चाहिए। इससे पहले चाको की टिप्पणी को तूल देने से इंकार करते हुए पीएसी अध्यक्ष जोशी ने कहा था कि चाको को अपना सुझाव लिखित रूप में देना चाहिए। इस पर, चाको ने कहा था, शायद वह :जोशी: भी इसे समझते हैं। इसलिए उन्होंने उस बात से इंकार नहीं किया जो बात मैंने कही थी। उन्होंने केवल इतना कहा कि मुझे इस बारे में लिखित में अपनी बात रखनी चाहिए। जबकि, जोशी ने कहा था, चाको वरिष्ठ और परिपक्व नेता हैं। अगर उनके पास कोई सुझाव है या उन्हें पीएसी के बारे में कुछ कहना है तो अच्छा होगा कि वह हमें इसके बारे में लिखें।


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