पचौरी मामला : पुलिस ने अदालत को बताया, पीड़िता से की गई थी समझौते के लिए बातचीत

पचौरी मामला : पुलिस ने अदालत को बताया, पीड़िता से की गई थी समझौते के लिए बातचीत

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय को जांचकर्ताओं ने गुरुवार को बताया कि टेरी के नवनियुक्त कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी की संलिप्तता वाले कथित यौन उत्पीड़न मामले की पीड़िता को अदालत के बाहर समझौते की पेशकश की गई थी। अदालत ने पचौरी की जमानत रद्द करने की मांग वाली पीड़िता की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली पुलिस को अपनी जांच की प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा गया था। पुलिस ने कहा कि टेरी निदेशक संजय जोशी ने जांच के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने वास्तव में पीड़िता के मित्र राहुल सिंह से अदालत के बाहर समझौते के लिए बात की थी।

स्थिति रिपोर्ट उस मामले में दायर की गई, जिसमें टेरी की एक पूर्व कर्मचारी ने पचौरी की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की है। उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता की अर्जी पर भी आदेश सुरक्षित रख लिया। स्थिति रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि टेरी की क्षेत्रीय संयोजक रीना सिंह से उनके कार्यालय में पूछताछ की गई और। रीना सिंह ने कहा कि उन्होंने राहुल सिंह से किसी भी समझौते के बारे में कभी बात नहीं की और वह केवल अपनी टिप्पणी दे रही थीं। रिपोर्ट में कहा गया कि जोशी और रीना सिंह दोनों ने कहा कि राहुल सिंह से उनकी बातचीत अनौपचारिक थी। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि जोशी इस बारे में स्पष्ट थे कि पचौरी ने कभी भी उन पर अदालत के बाहर समझौते के लिए बात करने का दबाव नहीं डाला।

पुलिस ने न्यायमूर्ति एसपी गर्ग की पीठ के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में कहा कि टेरी निदेशक संजय जोशी जांच में शामिल हुए और उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि उन्होंने राहुल सिंह से बात की और वह बहुत ही अनौपचारिक बातचीत थी, जो टेरी में उनके कार्यस्थल पर उनके दौरे के दौरान हुई। यह बात मीडिया के समक्ष संगठन की छवि बचाने के लिए की गई थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जोशी ने यह भी बताया था कि उनसे पचौरी या टेरी के किसी भी व्यक्ति ने मामले को निपटाने के लिए नहीं कहा और उन्होंने राहुल सिंह पर दबाव नहीं डाला जो शिकायतकर्ता का मित्र है। पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि टेरी का एक अन्य अधिकारी एक आधिकारिक दौरे पर देश के बाहर है और उससे पूछताछ उसके भारत लौटने पर की जाएगी।

राहुल सिंह ने 12 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि टेरी के वरिष्ठ निदेशकों और क्षेत्र संयोजक ने उनसे सम्पर्क किया था कि वह पीड़िता को मामले का समझौता अदालत के बाहर करने के लिए तैयार करे। दिल्ली पुलिस ने पीठ को यह भी बताया कि वह मामले में आरोपपत्र 15 दिन के भीतर दायर करेगी और मसौदा रिपोर्ट पहले ही अभियोजन शाखा को भेज दी गई है।

बहस के दौरान पचौरी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि पीड़िता मामले को सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रही है और यह रिकॉर्ड में आया है कि पचौरी ने कभी किसी पर दबाव नहीं डाला। उन्होंने कहा कि ऐसी रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं कि पचौरी ने गवाहों या मामले से संबंधित किसी व्यक्ति को प्रभावित किया या जांच में हस्तक्षेप करे।

शिकायतकर्ता के लिए पेश होने वाले अधिवक्ता प्रशांत मेंदीराता ने कहा कि पचौरी संगठन का नेतृत्व कर रहे थे और हो सकता है कि उन्होंने किसी पर सीधे सीधे दबाव नहीं डाला हो, लेकिन संभव है कि ऐसा अप्रत्यक्ष तौर पर किया हो। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी ने गत 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान अदालत को राहुल सिंह की शिकायत के बारे में नहीं बताया था और यह बात तब प्रकाश में आई जब ये मीडिया में आया कि पीड़िता ने पचौरी द्वारा टेरी के अधिकारियों पर अदालत के बाहर समझौते के लिए दबाव डालने को लेकर याचिका दायर की है।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)