पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर राजौरी में फिर से गोले दागे, 1000 लोग सुरक्षित निकाले गए

भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस हरकत का प्रभावी ढंग से जवाब दिया. पाकिस्तानी सेना ने कल नौशेरा इलाके में स्थित नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर और असैन्य इलाकों में मोर्टार दागे थे. कल के हमले में दो आम नागरिक मारे गए थे और तीन लोग घायल हो गए थे.

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर राजौरी में फिर से गोले दागे, 1000 लोग सुरक्षित निकाले गए

जम्मू:

पाकिस्तानी सैनिकों ने रविवार को लगातार दूसरे दिन राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में भारी गोलाबारी की, जिससे इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले 1000 लोगों को वहां से जबरन निकाला गया.

भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस हरकत का प्रभावी ढंग से जवाब दिया. पाकिस्तानी सेना ने कल नौशेरा इलाके में स्थित नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर और असैन्य इलाकों में मोर्टार दागे थे. कल के हमले में दो आम नागरिक मारे गए थे और तीन लोग घायल हो गए थे.

एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी सेना ने राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह छह बजकर 45 मिनट से एक बार फिर छोटे हथियारों, 82 मिमी और 120 मिमी मोर्टारों से अंधाधुंध गोलाबरी शुरू की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना की चौकियां प्रभावी और मजबूत ढंग से जवाब दे रही हैं. गोलीबारी जारी है.’’ रजौरी के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि रजौरी के ‘चिटीबकरी’ इलाके में संघर्ष विराम के ताजा उल्लंघन की बात सामने आई है.

उन्होंने कहा, ‘‘रजौरी के मंजाकोटे इलाके में भारी गोलीबारी सुबह छह बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई. सात से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.’’ चौधरी ने कहा कि इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है.

चौधरी ने कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले प्रवासियों की संख्या में रातों रात 978 का इजाफा हुआ. अभी तक तीन गांवों से 259 परिवारों को निकाला जा चुका है. नौशेरा सेक्टर के 51 स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया गया है जबकि मंजाकोट और डूंगी क्षेत्रों के 36 स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है. 87 स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 4600 है.

पाकिस्तान की गोलेबारी के बाद, राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास स्थित विभिन्न इलाकों में से 1000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. चौधरी ने कहा, ‘‘अधिकारियों और पुलिस ने अपनी जिंदगी को दांव पर लगाते हुए गोलाबारी से प्रभावित विभिन्न गांवों से 996 लोगों के सुरक्षित निकाला और जिला प्रशासन द्वारा स्थापित विभिन्न शिविरों में पहुंचाया. इन शिविरों में राशन, भोजन पकाने, पेयजल, स्वच्छता, प्राथमिक उपचार और रहने की उचित व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.’’ उन्होंने कहा कि अब तक तीन शिविरों का संचालन शुरू किया जा चुका है और प्रभावित गांवों से संभावित प्रवास को ध्यान में रखते हुए 28 अन्य शिविरों को अधिसूचित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘घायलों को उपचार के लिए ले जाने के लिए छह एंबुलेंसों को लगाया गया है. नौशेरा में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट को लगाया गया है और एक यूनिट अग्रिम इलाकों में लगाई गई है.’’ राहत शिविर में सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों के लगभग 120 अधिकारी लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने मृतक के परिजन को और घायलों को तत्काल राहत एवं आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई है.

समन्वय के लिए एसडीएम नौशेरा के दफ्तर में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. पिछले माह सरकार ने कहा था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पिछले एक साल में 268 बार संघषर्विराम का उल्लंघन किया था. भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम नवंबर 2003 में लागू हुआ था.


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