इससे पहले भी पाकिस्तान सरकार कर चुकी है जैश पर कार्रवाई

इससे पहले भी पाकिस्तान सरकार कर चुकी है जैश पर कार्रवाई

फाइल फोटो

पठानकोट हमला मामले में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर को बुधवार को हिरासत में ले लिया। साथ ही जैश की मिलिट्री विंग के चीफ और मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ को भी हिरासत में ले लिया। ऐसा नहीं है कि पहली बार जैश पर कार्यवाही हो रही है। जैश को 2001 में भारत की संसद पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जनवरी, 2002 में बैन कर दिया था और मसूद को नजरबंद कर दिया गया था।

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बदल लिया था नाम
जैश ने तब अपना नाम बदलकर खुद्दम-उल-इस्लाम और जमात-उलफुरकन कर दिया था। पाकिस्तान ने तब जैश और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को गिरफ्तार भी किया था, क्योंकि भारत ने संसद हमले के लिए इनको दोषी ठहराया था। मुशर्रफ की इस कार्यवाही पर तब के अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने भी तारीफ की थी।

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किसने बनाया जैश ए मोहम्मद
जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान का एक जिहादी संगठन है। इसे आतंकी मसूद अजहर ने मार्च 2000 में बनाया था। जनवरी 2002 में इसने अपना नाम बदलकर खुद्दम उल इस्लाम कर लिया था।

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भारतीय जेल में रह चुका है इसका सरगना
इसका सरगना मसूद अजहर एक समय भारतीय जेल में बंद था। वह 17 साल पहले 1999 में कांधार हाईजैक मामले में रिहा हुआ था। गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को 5 हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के एक हवाई जहाज आईसी-814 को हाइजैक कर लिया था। इसके बाद आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया था। भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए जिन तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया था उनमें मसूद अजहर भी शामिल था। अजहर के अलावा दो आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख थे।