आर्मी अफसर बेटे के अंतिम संस्कार के खातिर सड़क के रास्ते 2,600 KM की दूरी तय करने के लिए मजबूर हुए माता-पिता

कर्नल के माता पिता की ओर से कहा गया कि वो दिल्ली के बजाए बेंगलुरू में ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि उनके माता पिता को बेंगलुरु जाने के लिए सेना का विमान नही दिया गया.

आर्मी अफसर बेटे के अंतिम संस्कार के खातिर सड़क के रास्ते 2,600 KM की दूरी तय करने के लिए मजबूर हुए माता-पिता

कर्नल नवजोत सिंह बल की कैंसर से मौत

नई दिल्ली:

शौर्य चक्र से सम्मानित स्पेशल फ़ोर्स 2 पैरा के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल नवजोत सिंह बल के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. उनके माता-पिता को बेटे के अंतिम सरकार के लिए अमृतसर से बेंगलुरू के बीच 2,600 किलोमीटर से अधिक की दूरी सड़क मार्ग से तय करनी पड़ी. 9 अप्रैल को बेंगलुरू के अस्पताल में कैंसर से 39 साल के कर्नल बल की मौत हो गई. सेना की ओर से परिवार को ऑफर किया गया कि आप दिल्ली के बरार स्क्वायर में अंतिम संस्कार करे. सेना के विमान से बेंगलुरु से पार्थिव शरीर और उनकी पत्नी और बच्चें को भी दिल्ली लाया जाएगा. 

हालांकि, उनके माता पिता की ओर से कहा गया कि वो दिल्ली के बजाए बेंगलुरू में ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि उनके माता पिता को बेंगलुरु जाने के लिए सेना का विमान नहीं दिया गया और इसीलिए वो सड़क मार्ग से बेंगलुरु के लिये निकल पड़े हैं. सेना के सूत्रों से पता चला है कि उनके माता-पिता ने विमान के लिये मांग नहीं की, पर उनके करीबी और जानकर लोगों ने इसको लेकर जरूर पहल की लेकिन वक़्त रहते इसकी इजाजत नही मिल पाई. 

फिलहाल वो दिल्ली से होते हुए बेंगलुरु के लिये निकल चुके हैं और आज शाम तक वहां पहुंच जाएंगे. वैसे, इसको लेकर कोई साफ साफ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन कह रहे हैं कि ऐसे हालत में माता-पिता यानि कि डिपेंडेंड को विमान नही दिया जा सकता है. इसके लिए विशेष अनुमति की जरूरत होती है और अगर ऐसा हो भी जाता है तो फिर आगे जवान से लेकर हर किसी को विमान देना होगा जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी फौज के लिये संभव नही है.

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