15 दिसंबर से शीतकालीन सत्र, तीन तलाक पर अनंत कुमार बोले- बिल देश की आकांक्षाओं के अनुसार

संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को इसकी अधिकारिक घोषणा की.

15 दिसंबर से शीतकालीन सत्र, तीन तलाक पर अनंत कुमार बोले- बिल देश की आकांक्षाओं के अनुसार

15 दिसंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 15 दिसंबर से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र 14 दिन का होगा
  • 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा शीतकालीन सत्र
  • कई बार संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में बुलाया गया है: अनंत कुमार
नई दिल्ली:

संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को इसकी अधिकारिक घोषणा की. गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में संसद में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया कि शीत कालीन सत्र 14 दिन का होगा. अनंत कुमार ने कहा कि पहले भी कई बार संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में बुलाया गया है और ये जनवरी तक चला है. 

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जब एनटीडीवी ने अनंत कुमार से पूछा कि तीन तलाक बिल पर सरकार की क्‍या रहा है. तो उन्‍होंने बताया कि तीन तलाक और नए पिछड़ा आयोग बिल देश की आकांक्षाओं के अनुसार है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय कार्य राज्‍य मंत्री अर्जुन मेघवाल और विजय गोयल भी मौजूद थे. 

इससे पहले गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्तावित तीन तलाक विधेयक से संबंधित अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें तीन बार तलाक कहकर वैवाहिक संबंध समाप्त करने के तरीके को दंडनीय प्रावधान बनाया जा सकता है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल आदि ने बैठक में भाग लिया था.

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हालांकि इस बैठक में कोई फैसला नहीं लिया गया और आगे की बातचीत आने वाले दिनों में होगी. सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रियों ने इस बारे में भी चर्चा की कि नया कानून लाया जाना चाहिए या मौजूदा दंडनीय प्रावधानों में उचित बदलाव किये जाने चाहिए ताकि तीन तलाक को अपराध बनाया जा सके.

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कानून के अनुसार ‘तलाक ए बिद्दत’ या तीन तलाक की पीड़िता के पास पुलिस के पास जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा. कोई मुस्लिम मौलवी उसकी कोई मदद नहीं कर पाएंगे.
 


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