मुंबई: पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार की शाम चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. हालांकि शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने बड़ी गलती की और भूलवश मंत्री पद की शपथ ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस गलती को ओर ध्यान दिलाया. तब जाकर उन्होंने दोबारा शपथ ली. पर्रिकर को राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब गुरुवार को फ्लोर टेस्ट पास करना होगा. मुख्यमंत्री पर्रिकर के अलावा भाजपा के कोटे से दो मंत्री बने हैं, जबकि सहयोगी दलों जीएफपी को तीन, एमजीपी को दो और निर्दलीय विधायकों को दो मंत्री पद दिए गए हैं. शपथ ग्रहण के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लक्षीकांत पारसेकर भी मौजूद रहे.
इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी की ओर से रामकृष्ण (सुदिन) ढवलीकर और मनोहर (बाबू) आजगांवकर को मंत्री पद दिया गया है. वहीं, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीनों विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया है. पार्टी के संरक्षक विजय सरदेसाई सहित विनोद पालियेंकर और जयेश सालगांवकर ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके अलावा बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा और पांडुरंग मडकईकर को भी मंत्री पद मिल गया है. अन्य दलों की बात करें तो रोहन खवटे और गोविन्द गावडे को मंत्री बनाया गया है. वहीं, मोविन गुदीन्हो का पत्ता कट गया है.
गोवा की दलीय स्थिति
कांग्रेस- 17
बीजेपी- 13
महाराष्ट्रवादी गोमांतक- 3
गोवा फॉरवार्ड पार्टी- 3
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी- 1
निर्दलीय- 3