नई दिल्ली: क्या पठानकोट में आतंकी हमले के अलर्ट के बावजूद सीमा पार से आए 6 आतंकी हथियार और गोला-बारूद समेत पठानकोट एयरबेस में दाखिल हुए थे? अब एनआईए इस दिशा में जांच कर रही है।
एयर बेस में रह रहे परिवारों से पूछताछ
एनआईए के सामने अब भी अहम सवाल यही है कि यहां आतंकियों की किसने मदद की? अब एयर बेस के भीतर रह रहे 5000 परिवारों की जांच हो रही है। एयरफोर्स के अफसरों से भी पूछताछ जारी है। एनआईए को जानना है कि किसने बेस में दाखिल होने के सुराग दिए। आतंकियों के पास मिले हथियार भारत के बने हुए नहीं हैं। अब एनआईए को लग रहा है कि आतंकी अपने साथ ही हथियार लाए थे। हालांकि पहले एनआईए की दलील थी कि इतने हथियार लेकर छह लोग नहीं आ सकते।
पाकिस्तान से सुराग मिलने की उम्मीद लगाए एनआईए
दरअसल एनआईए की जांच किसी नतीजे पर पहुंचती नहीं दिख रही। अब उसका कहना है कि इसके आगे के सुराग पाकिस्तानी एजेंसियां ही दे सकती हैं। एजेंसियों का कहना है कि जो नाम पाकिस्तान को दिए गए हैं, उनसे अगर पूछताछ की जाए तो इस हमले का सच खुल सकता है। हाल के दिनों में हुए कठुआ और सांबा जैसे हमलों और पठानकोट के हमले में समानता दिखी है। दोनों जगह अफ़जल गुरु स्क्वाड के नाम की चिटें मिली हैं।