यह ख़बर 14 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राडिया के आरोपों का पवार ने किया खंडन

खास बातें

  • पवार ने नीरा राडिया के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि 2 जी घोटाले में फंसी कंपनी डीबी रियल्टी हो सकता है कि शरद पवार की ही हो।
New Delhi:

दूरसंचार घोटाले में उठे नए विवाद के बाद कृषिमंत्री शरद पवार ने कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के उस कथित दावे का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फंसी कंपनी डीबी रियल्टी हो सकता है कि शरद पवार की ही हो। पवार मीडिया में आई उस रिपोर्ट पर बोल रहे थे, जिसके अनुसार राडिया ने सीबीआई को दिए गए बयान में बताया है कि डीबी रियल्टी को शायद शरद पवार नियंत्रित करते हैं और शायद उन्होंने स्वान टेलिकॉम के लिए स्पेक्ट्रम और लाइसेंस के मुद्दे को लेकर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा पर दबाव डाला था। नीरा राडिया का यह बयान सीबीआई के आरोप पत्र का हिस्सा है, लेकिन इसमें उसने खुद इस बात को स्पष्ट करते हुये कहा है कि मुंबई के लोग इस बात को जानते हैं कि डीबी रियल्टी शरद पवार की कंपनी है, हालांकि इसे साबित करने के लिए उनके पास कोई प्रमाण नहीं हैं। पवार ने नीरा राडिया के दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है और बेवकूफी भरा बयान है। इस कंपनी में मेरा कोई वित्तीय हित नहीं है। डीबी रियल्टी और उस टेलिकॉम कंपनी से मेरा कोई रिश्ता नहीं हैं। इस कंपनी में मेरा एक भी नया पैसा नहीं लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह डीबी रियल्टी के विनोद गोयनका को पिछले 35 सालों से जानते हैं और उन्होंने बारामती में 20 साल पहले दुग्ध प्रसंस्करण इकाई स्थापित की थी। पवार ने कहा, हम, सभी किसान अच्छी कोटि के दूध को प्राप्त करने में उनकी मदद कर रहे हैं। हमारा कोई रिश्ता नहीं है। उसे लेकर कोई दो विकल्प नहीं है, लेकिन दूरसंचार कंपनी के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है। पवार ने राडिया के उस बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस को लेकर कॉरपोरेट लॉबिस्ट या किसी के साथ कोई बातचीत नहीं हुई। गौरतलब है कि राडिया ने कहा था कि उनके इस दावे को साबित करने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है। पवार ने कहा, मैं देश का कृषि मंत्री हूं, न कि दूरसंचार मंत्री।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com